– जमीअत के प्रयास से तसलीम जहां मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को नोटिस किया जारी
नई दिल्ली, 13 सितंबर (हि.स.)। जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद दनी ने उत्तराखंड के रुद्रपुर के नर्स हत्याकांड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जो काम सरकार का हुआ करता था, यानी न्याय देना, वह काम अब अदालतें कर रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आज उत्तराखंड के रुद्रपुर की मुस्लिम नर्स की हत्या के मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। इस पर जमीअत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि यह दुखद है कि तसलीम जहां को न्याय दिलाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। हालांकि, कलकत्ता में हुई घटना बेहद दुखद और क्रूरतापूर्ण है। इसके विरोध में देशभर में डॉक्टर हड़ताल पर चले गए और मीडिया ने इस मामले पर कई दिनों तक बहस की लेकिन तस्लीम जहां के मामले में हर तरफ से चुप्पी थी और किसी ने भी इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाई।
मौलाना मदनी ने सवाल किया कि क्या देश में धर्म के आधार पर न्याय किया जाएगा? उन्होंने कहा कि अगर कानून के अनुसार न्याय मिल गया होता तो शायद जमीअत उलेमा हिंद को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाना पड़ता। मौलाना अरशद मदनी ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया है।