– तीन सड़कों से बैगा बस्तियों के निवासियों को मिली एक नई रफ़्तार
बालाघाट, 12 सितंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले की बैगा बस्ती में बनी एक सड़क की इन दिनों दिल्ली में भी खूब चर्चा हो रही है। यह सड़क देश की ऐसी पहली सड़क है, जो पीएम जनमन अभियान में बनकर तैयार हुई है। पीएमजीएसवाय द्वारा तैयार पंडाटोला से बिजाटोला जाने वाली इस सड़क का निर्माण कार्य 16 मार्च 24 को शुरू हुआ, जो बनकर तैयार हो चुकी है। इसके अलावा विभाग ने परसवाड़ा जनपद में दो सड़कें और बनाई है, जो बैगा बस्तियों के 20 गाँव की करीब तीन हजार बैगा नागरिकों की रफ़्तार तय कर रही है। यह जानकारी गुरुवार को जनसम्पर्क अधिकारी पुष्पेन्द्र वास्कले ने दी।
उन्होंने बताया कि सुदूर गांव और जंगल का अनुभव होगा कि यहां के लोग जंगली रास्तों से होकर अपनी जीवन चर्या में व्यस्त रहते थे। शाम के बाद से इन सड़कों से गुजरना सम्भव नहीं था। जंगल के रास्ते पर कई वन्य जीव से गांव व टोले भयभीत रहते थे। इन्हीं कच्ची पगडंडियों से ही माध्यमिक व हाईस्कूल के बच्चे, रोगी और राशन लाने के लिए नागरिक गुजरते रहें है। अब इन सड़कों के बन जाने के बाद कच्ची सड़कें इतिहास बन कर रह गई है।
10.16 किमी.की पगडंडिया बदली सुंदर सडकों में
परसवाड़ा जनपद क्षेत्र के उस हिस्सें में तीन सड़के पीएम जनमन अभियान में बनी है। जो आज भी दुर्गम जंगल से आच्छादित है। पीएमजीएसवाय के विनोद गढ़वाल ने बताया कि इस क्षेत्र में नाटा से पांडाटोला 4.85 किमी. बड़गांव से साल्हे 4.50 किमी. और एक जो योजनांतर्गत देश की पहली सड़क है, वो पांडाटोला से बिजाटोला है, जिसकी लंबाई 0.811 मीटर है। करीब एक कि.मी की इस सड़क का सीधे तौर पर 935 नागरिक तो उपयोग कर ही रहे हैं। इनके अलावा आसपास के चार टोलों के लिए भी यह उपयोगी सड़क है। हालांकि नाटा से पंडाटोला और उन्डईटोला के बीच दो पुल बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इनका कार्य बारिश के बाद ही शुरू होगा।
इन सड़कों के बैगाओं के लिए मायने
उन्होंने बताया कि ये सड़कें जिन गांवो में बनी है, उसके दायरे में आने वाले कई टोले हैं, जो इनका उपयोग करेंगे। इनमें डोरली, चकटोला, कातलाबोडी, टिकरिया, कूकड़ा, उरूरगुड्डा, बारिया, डंडईटोला, मोहर, नारवाड़ी सहित जंगलों में बसे बैगाओं के लिए सुविधाजनक हैं। इस क्षेत्र के करीब 30 कि.मी दायरे में अब यहाँ के करीब तीन हजार बैगा राशन दुकानों से सार्वजनिक वितरण प्रणाली का राशन पाएंगे। साथ ही स्कूली विद्यार्थी स्कूल, किसान बाजार और मंडी तक सुविधाजनक रूप से आवागमन कर सकेंगे। वहीं मरीज स्वास्थ्य केंद्र तक और मुख्य कस्बे से जुड़ पाएंगे।