कोकराझार (असम), 12 सितंबर (हि.स.)। बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) के सीईएम प्रमोद बोड़ो के नेतृत्व में बोडोलैंड टेरिटोरियल रिजन (बीटीआर) क्षेत्र में शिक्षा के उन्नयन और पुनर्गठन के लिए परिषद प्रशासन प्रतिबद्ध है। हमारा लक्ष्य सभी छात्रों के लिए बेहतर अवसर और सहयोग प्रदान करना है।” यह बातें बीटीसी के सूचना और जनसंपर्क के कार्यकारी सदस्य डॉ. निलूत स्वर्गियारी ने कही। डॉ. स्वर्गियारी ने यह वक्तव्य डॉ. शोभा ब्रह्म संगीत और ललित कला महाविद्यालय के फ्रेशर्स’ सोशल डे 2024 के मुख्य अतिथि के रूप में दिया, जिसे महाविद्यालय के स्थापना दिवस के रूप में मनाया गया।
अपने संबोधन में उन्होंने कला शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “संगीत और ललित कला में अच्छी शिक्षा न केवल आत्मा को समृद्ध करती है, बल्कि छात्रों को महत्वपूर्ण जीवन कौशल और सांस्कृतिक जागरूकता से भी लैस करती है। ये विधाएं व्यक्तिगत विकास और सामाजिक योगदान के लिए बेहद जरूरी हैं।”
उन्होंने आगे संगीत और ललित कला के अध्ययन के लाभों को उजागर करते हुए कहा, “संगीत और ललित कला के साथ गहरे स्तर पर जुड़ना हमारी सांस्कृतिक धरोहर की बेहतर समझ विकसित करने में मदद करता है और भावनात्मक बुद्धिमत्ता को प्रोत्साहित करता है। यह शिक्षा आपको विविध करियर अवसरों के लिए तैयार करती है और समग्र व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देती है।”
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्राचार्या लारली ब्रह्म, डीबीएचए के महासचिव बीजितगिरी बसुमतारी, डीबीएचए के प्रशिक्षक डॉ. ग्वमथाओ बसुमतारी और अन्य कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।