हैदराबाद, 12 सितंबर (हि.स.)। राज्य सरकार ने केंद्रीय टीम को बताया है कि 31 अगस्त से 02 सितंबर तक तेलंगाना में हुई भारी बारिश के कारण 9000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। इसमें पीड़ितों की सहायता के लिए उदार सहायता की अपील की गई। सूर्यापेट, नलगोंडा, वारंगल, महबूबाबाद, मुलुगु, खम्मम, भद्राद्रि-कोट्टागुडेम और नागरकुर्नूल जिलों में कुल आठ सेक्टर गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। खम्मम, हुजूरनगर, कोडदा, सूर्यापेट, महबूबाबाद और मधिरा कस्बों में कॉलोनियां, झुग्गियां और निचले इलाके जलमग्न हो गए और सार्वजनिक जीवन बाधित हो गया। शुरुआती नुकसान का अनुमान 5,438 करोड़ रुपये था, लेकिन वास्तविक अनुमान इससे दोगुना निकला।
केंद्रीय गृह सहाय सचिव कर्नल केपी सिंह के नेतृत्व वाली दिल्ली से एक केंद्रीय टीम राज्य के तीन दिवसीय दौरे पर आई है। इस टीम ने आज कुछ जिलों में स्थिति का जायजा लिया। बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए कर्नल केपी सिंह के नेतृत्व वाली छह सदस्यीय केंद्रीय टीम बीते दिन बुधवार को राज्य पहुंची थी। उन्होंने सचिवालय में बाढ़ से हुई क्षति पर लगी फोटो प्रदर्शनी को देखा और राज्य के चीफ सेक्रेटरी (सीएस) शांता कुमारी से भेंट की।
तेलंगाना राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया है कि अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है। 28,869 घर ढह गए हैं। 17,916 लोग बेघर हो गए हैं और 75,097 मवेशी मारे गए हैं। राज्य आपदा निवारण विभाग के विशेष मुख्य सचिव अरविंद कुमार ने कृषि, सड़क, भवन, नगरपालिका प्रशासन, पंचायत राज, ऊर्जा, पशुपालन और वन विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ उन्हें नुकसान के विवरण पर एक पावर प्वाइंट प्रस्तुति दी।
केंद्रीय टीम से मुलाकात के दौरान सीएस शांतिकुमारी ने कहा- ‘हमें बहुत कम समय में मौसम विभाग की चेतावनी मिल गई और अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया। हम त्वरित कार्रवाई कर जनहानि को कम करने में सफल रहे।’ मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और राज्य मंत्रियों ने नियमित रूप से स्थिति की समीक्षा की और बाढ़, पुनर्वास और राहत प्रयासों की निगरानी की। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर राहत और पुनर्वास कार्यक्रम चलाने के लिए उदारतापूर्वक आवश्यक धन उपलब्ध कराए गए।
राज्य सरकार की ओर से विशेष अनुरोध किया गया की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को राज्य में आपातकालीन स्थितियों में राहत कार्यों में भाग लेने के लिए एनडीआरएफ के साथ राज्य द्वारा गठित विशेष टीमों को प्रशिक्षण और अन्य सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए।
केंद्रीय दल के साथ बैठक में राज्य सरकार के विशेष मुख्य सचिव के. रामकृष्ण राव, विकास राज, नगर प्रशासन, पशुपालन विभाग के मुख्य सचिव दानकिशोर, सव्यसाची घोष, आवास सचिव ज्योति बुद्ध प्रकाश, कृषि विभाग के सचिव रघुनंदन राव और अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।