भारत और फिलीपींस ने एक-दूसरे को रक्षा सहयोग के लिए आमंत्रित किया

– मनीला में जेडीसीसी की पांचवीं बैठक में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर चर्चा

नई दिल्ली, 11 सितम्बर (हि.स.)। भारत और फिलीपींस ने संयुक्त रक्षा सहयोग समिति (जेडीसीसी) की पांचवीं बैठक में रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य हासिल करने के लिए एक-दूसरे का समर्थन करने पर सहमति जताई। मनीला में बुधवार को रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने फिलीपींस को भारतीय रक्षा उद्योग के साथ साझेदारी करने के लिए आमंत्रित किया। बैठक की सह अध्यक्षता उनके समकक्ष फिलीपींस के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अवर सचिव इरिनियो क्रूज़ एस्पिनो ने की।

बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। रक्षा सचिव अरमाने ने फिलीपींस सरकार के सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए आत्मनिर्भर रक्षा मुद्रा अधिनियम को सराहा। उन्होंने कहा कि भारत ने भी ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए इसी तरह का दृष्टिकोण रखा है। इस दृष्टिकोण के तहत भारतीय रक्षा उद्योग लगातार अपनी विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाकर दुनिया को उपकरण निर्यात कर रहा है। उन्होंने व्हाइट शिपिंग सूचना एक्सचेंज के संचालन और निकट भविष्य में मनीला में भारतीय दूतावास में रक्षा विंग खोलने की सराहना की।

रक्षा सचिव ने फिलीपींस को भारतीय रक्षा उद्योग के साथ उपकरणों के सह-विकास और सह-उत्पादन में भागीदारी करने के लिए आमंत्रित किया। इस पर फिलीपींस ने भी सुनिश्चित आपूर्ति शृंखलाओं को बढ़ावा देने के लिए दीर्घकालिक इक्विटी साझेदारी में निवेश के लिए भारत को आमंत्रित किया। फिलीपींस ने रक्षा उद्योग के स्वदेशीकरण के लिए भारत की कार्यप्रणाली को स्वीकार किया और उसकी सराहना की। दोनों पक्षों ने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य हासिल करने के लिए एक-दूसरे का समर्थन करने पर सहमति जताई।

आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक में फिलीपींस का स्वागत करते हुए रक्षा सचिव ने बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। इस यात्रा के दौरान रक्षा सचिव ने फिलीपींस के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री गिल्बर्ट एडुआर्डो गेरार्डो कोजुआंगको टेओडोरो जूनियर से भी मुलाकात की। इससे पहले फिलीपींस के सशस्त्र बलों के मुख्यालय में पूरे सम्मान के साथ उनका स्वागत किया गया। जेडीसीसी का गठन भारत और फिलीपींस के बीच 2006 में हस्ताक्षरित रक्षा सहयोग पर समझौता ज्ञापन के दायरे में किया गया है। राजनयिक संबंधों के 75वें वर्ष और एक्ट ईस्ट नीति के 10 वर्षों में जेडीसीसी की सह-अध्यक्षता को सचिव स्तर तक उन्नत किया गया है।

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