उत्तराखंड भूस्खलन में मध्य प्रदेश के तीन श्रद्धालुओं की मौत, आपस में भाई-बहन थे मृतक

– मुख्यमंत्री ने हादसे पर जताया दुख, मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता का ऐलान

धार/भोपाल, 10 सितंबर (हि.स.)। उत्तराखंड में केदारनाथ के रास्ते में हुई भूस्खलन की घटना में मध्य प्रदेश के तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई। तीनों मृतक धार जिले के सरदारपुर के रहने वाले थे और तीनों आपस में बहन-भाई थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।

उत्तराखंड में केदारनाथ जाने वाले पैदल मार्ग पर सोनप्रयाग से आधा किलोमीटर आगे गौरीकुंड के पास सोमवार देर रात भूस्खलन की घटना हुई थी। इस दौरान मलबे में दबकर पांच तीर्थयात्रियों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हैं। एसडीआरएफ की टीम ने मंगलवार सुबह मलबे से शव निकाले। मृतकों में तीन तीर्थयात्री धार गोपाल (50), दुर्गा बाई खापर (50) और समन बाई (50) के रूप में हुई है। तीनों ही सरदारपुर के रहने वाले थे। इसी घटना में निपावली के रहने वाले छगनलाल (45) गंभीर रूप से घायल हैं।

बताया गया है कि धार जिले के 40 लोग बस से केदारनाथ दर्शन करने गए थे। सोमवार दोपहर बाद केदारघाटी में भारी बारिश हुई। सोनप्रयाग से करीब आधा किलोमीटर आगे गौरीकुंड के पास केदारनाथ पैदल मार्ग पर भूस्खलन हो गया। इस दौरान वहां से पैदल गुजर रहे तीर्थ यात्री पहाड़ी से आए पत्थर और मलबे की चपेट में आ गए। हादसे की सूचना रुद्रप्रयाग आपदा कंट्रोल रूम को दी गई। मौके पर स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ की टीम पहुंची और रेस्क्यू शुरू किया।

धार जिले से उत्तराखंड गए लोगों में झींझोटा गांव से पांच और निपावली से दो लोग भी शामिल थे। झींझोटा के तोलाराम धाकड़ ने बताया कि इस दल में शामिल छगनलाल काकर से रविवार को उसकी बातचीत हुई थी। छगन ने बताया था कि वह केदारनाथ की चढ़ाई चढ़ रहा है। छगनलाल पत्नी दुर्गा का हाथ पकड़कर चल रहा था। अचानक छगनलाल के हाथ पर एक बड़ा पत्थर आ गिरा। इससे दुर्गा बाई का हाथ छूट गया। छगन एक पेड़ की साइड में आ गया जबकि पत्नी पत्थर की चपेट में आ गई। उसका कुछ पता नहीं चला।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के माध्यम से कहा कि उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा के दौरान भूस्खलन में मध्यप्रदेश के धार जिले के एक ही परिवार से तीन श्रद्धालुओं के असमय काल-कवलित होने का समाचार अत्यंत हृदय विदारक है। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। मृतकों के परिवारजनों को चार-चार लाख की आर्थिक सहायता राशि देने के निर्देश भी दिए हैं। बाबा महाकाल से दिवंगतों की आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान देने और उपचाराधीन चार घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना है। घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था हेतु उत्तराखंड सरकार संपर्क में है।

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