चित्तौड़गढ़, 5 सितंबर (हि.स.)। विश्व विख्यात चित्तौड़ दुर्ग स्थित सूरजकुंड में मंगलवार दोपहर में डूबे दर्शनार्थी का शव गुरुवार को सुबह निकाला गया। सिविल डिफेंस की टीम मौके पर पहुंची तो शव पानी की सतह पर तैरता दिखा, जो स्वत: ही ऊपर आ गया था। इसके शव को जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया है, जहां पोस्टमार्टम होगा। शव हादसे के करीब 42 घंटे बाद निकाला गया।
पुलिस के अनुसार विश्व विख्यात चित्तौड़ दुर्ग पर मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे सूरजकुंड में नहाने के दौरान एक युवक डूब गया था। यह युवक मध्यप्रदेश के धार जिले में रहने वाला बहादुर नाथ था जो कि अपने अन्य परिजनों के साथ रामदेवरा जा रहा था। इस दौरान चित्तौड़ दुर्ग पर भी दर्शन करने के लिए आया और नहाने के दौरान कुंड में कूद गया। गहराई में चले जाने के कारण यह डूबने लगा था। यह घटना मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे हुई थी, जिसकी जानकारी मिलने के बाद कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी ली। सिविल डिफेंस की टीम को मौके पर बुलाया और तलाश शुरू कर दी। मंगलवार को शव नहीं मिलने पर अंधेरा होने के बाद अभियान रोक दिया गया था। बुधवार को पुनः सुबह से ही तलाशी अभियान शुरू किया जो शाम तक चलता रहा। इस दौरान नाव मंगवाई गई और उसकी सहायता से भी तलाश की। इतना ही नहीं गैस सिलेंडर की सहायता से भी सिविल डिफेंस की टीम ने पानी की गहराई में जाकर युवक के शव को तलाशा लेकिन सफलता नहीं मिली। ऐसे में अंधेरा होने के बाद तलाशी अभियान रोका गया। गुरुवार सुबह सूचना मिली कि युवक का शव पानी में तैर रहा है। शव स्वत: ही सतह पर आ गया था।
दुर्ग चौक प्रभारी एएसआई पवन दहिया ने बताया कि सिविल डिफेंस की टीम को मौके पर बुलाया और शव को बाहर निकलवाया गया है। शव को जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया है, जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन के सुपर्द किया जाएगा। कोतवाली थाना पुलिस ने इस संबंध में मर्ग दर्ज किया है।
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