– राज्यपाल आचार्य ने शिक्षक दिवस पर वरिष्ठ शिक्षक को सम्मानित किया
गुवाहाटी, 05 सितंबर (हि.स.)। शिक्षक दिवस के अवसर पर असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने पलाशबाड़ी के फूलगुरी गांव के 94 वर्षीय वरिष्ठ प्राथमिक विद्यालय शिक्षक नवीन चंद्र दास के घर जाकर उन्हें स्मृति चिह्न, प्रशस्ति पत्र, अंगवस्त्र, शॉल, पुष्पमाला, सराय, जापी, गमछा, फलों की टोकरी, छाता और 21 हजार रुपये की दक्षिणा देकर सम्मानित किया। इसके अलावा राज्यपाल ने शिक्षक के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए उन्हें कुर्सी भेंट की, जबकि वे स्वयं एक अन्य कुर्सी पर बैठे थे।
राज्यपाल ने शिक्षक से बात की और शिक्षक के रूप में उनकी लंबी और महत्वपूर्ण भूमिका को याद करने के अलावा उनके स्वास्थ्य और योगदान के बारे में भी जानकारी ली। राज्यपाल ने शिक्षक को धन्यवाद् दिया और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की, क्योंकि वे मानव संसाधन को विकसित करने के लिए जिम्मेदार थे और उन्होंने अपने छात्रों को देश के सम्मानित नागरिक बनाने में मदद की।
राज्यपाल ने कहा, “शिक्षा के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान, समर्पण और सेवा के लिए मैं नवीन चंद्र दास के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करता हूं। वे समाज से सभी प्रशंसा और सम्मान के पात्र हैं। शिक्षा और शिक्षण के प्रति उनका समर्पण और उनकी प्रतिबद्धता वास्तव में भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। शिक्षक दिवस के विशेष अवसर पर उनके आवास पर आना, उनसे मिलना और उनसे बात करना एक संतुष्टिदायक क्षण बन गया है।”
गुवाहाटी की सांसद बिजुली कलिता मेधी, जिला आयुक्त कीर्ति जल्ली भी राज्यपाल के साथ शिक्षक के आवास पर गईं।
इससे पहले, राज्यपाल आचार्य ने शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित एक समारोह में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए आचार्य ने कहा कि शिक्षकों की भूमिका और उनका समर्पण और उनकी दृढ़ता छात्रों को आकार देने और राष्ट्र के भविष्य के निर्माण में मौलिक है। एक वक्ता, दार्शनिक, शिक्षाविद् और बाद में भारत के राष्ट्रपति के रूप में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की अमूल्य भूमिका उल्लेखनीय थी। उनकी गहन बुद्धि और विशाल ज्ञान आज भी पीढ़ियों को प्रेरित और प्रभावित करता है। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा राष्ट्र के भविष्य को आकार देने की सबसे संभावित शक्ति है। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (आरयूएसए) का उल्लेख करते हुए, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के संस्थानों को अधिक दक्षता के साथ उच्च शिक्षा में पहुंच, समानता और उत्कृष्टता के उच्च स्तर को प्राप्त करने की दृष्टि से वित्त पोषित करने के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना है, राज्यपाल ने शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र की पूरी क्षमता को प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के लिए उन्हें धन्यवाद् दिया।