नई दिल्ली, 05 सितंबर (हि.स.)। आयुष मंत्रालय एक अक्टूबर से देश में प्रकृति परीक्षण अभियान चलाएगा। इस अभियान को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग पर रहेगी।
गुरुवार को आयोजित प्रेसवार्ता में आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव ने कहा कि प्रकृति का स्वास्थ्य रक्षण में बहुत महत्व होता है, प्रकृति की जानकारी से आम नागरिक खुद को स्वस्थ रखने के लिए दिनचर्या ,ऋतुचर्या के अनुरूप अपने नित्य कार्यों में छोटे-छोटे बदलाव लाकर स्वस्थ रह सकते हैं । इस बात को ध्यान में रखते हुए देश को सकारात्मक स्वास्थ्य की ओर बढ़ने में यह प्रकृति प्रशिक्षण अभियान मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत देश भर के एक करोड़ से ज्यादा नागरिकों का प्रकृति परीक्षण देश के आयुर्वेद महाविद्यालयों के 1,35,000 विद्यार्थी 20,000 स्नातकोत्तर शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी 18,000 अध्यापक तथा तीन लाख चिकित्सक ,ऐसे कुल मिलाकर साढ़े चार लाख लोगों के माध्यम से किया जाएगा, जिन्हें प्रकृति परीक्षण स्वयंसेवक कहा जाएगा। इस अभियान के तहत प्रकृति परीक्षण स्वयंसेवक घर घर जा कर लोगों की प्रकृति का परीक्षण करेंगे। इस अभियान के कारण आयुर्वेद के प्रति जन सामान्य का रुझान बढ़ेगा और आयुर्वेद की अर्थव्यवस्था को भी गतिमानता से विकास पथ पर आगे बढ़ाने में मदद होगी।
प्रताप राव ने कहा कि इस माध्यम से गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के पांच विश्व कीर्तिमान स्थापना करने का संकल्प आयोजन समिति ने किया है। इसके लिए एक एप भी विकसित किया गया है, जिसे अभियान की शुरुआत में लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने के अनुसार हर-घर ,जन-जन आयुर्वेद यह सपना संजोकर यह अभियान की रचना की गई है।