नई दिल्ली, 4 सितंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर देशभर के शिक्षकों को शुभकामनायें दी हैं। उन्होंने कहा है कि शिक्षकों को भावी पीढ़ी के मस्तिष्क को पोषित करने और उन्हें समग्र उत्कृष्टता की ओर मार्गदर्शन करने का महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया है।
एक संदेश में राष्ट्रपति ने कहा कि इस दिन महान शिक्षाविद्, दार्शनिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती होती है। वे पूरे देश के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत हैं।
उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं। विद्यार्थी के रूप में वे जीवन-कौशल और मूल्य सीखते हैं। शिक्षक, मार्गदर्शक के रूप में छात्रों को भविष्य के नेताओं में ढाल सकते हैं, जो हमारे देश की नियति को आकार देंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षकों को भावी पीढ़ी के मस्तिष्क को पोषित करने, उन्हें समग्र उत्कृष्टता की ओर मार्गदर्शन करने का महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया है। शिक्षकों का कर्तव्य है कि वे छात्रों में नैतिक मूल्य, आलोचनात्मक सोच कौशल और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना पैदा करें। जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में परिकल्पना की गई है, शिक्षा प्रदान करने के आधुनिक तरीकों और प्रौद्योगिकी के इष्टतम उपयोग के माध्यम से, शिक्षक छात्रों को एक उपयोगी जीवन जीने और एक विकसित राष्ट्र का निर्माण करने के लिए सशक्त बना सकते हैं।
उधर, राष्ट्रपति भवन परिसर में अमृत उद्यान कल (5 सितंबर) शिक्षक दिवस पर सभी शिक्षकों के लिए विशेष रूप से खुला रहेगा। वे नॉर्थ एवेन्यू रोड के पास, राष्ट्रपति भवन के गेट नंबर 35 से आ सकते हैं। उनकी सुविधा के लिए केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन से गेट नंबर 35 तक एक मुफ्त शटल बस सेवा भी उपलब्ध होगी।
अमृत उद्यान ग्रीष्मकालीन वार्षिक संस्करण, 2024 सोमवार को छोड़कर, 16 अगस्त से 15 सितंबर तक सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे (अंतिम प्रविष्टि – 05:15 बजे) तक जनता के लिए खुला है। प्रवेश निःशुल्क है। आगंतुक राष्ट्रपति भवन की वेबसाइट (https://visit.rashtrapatibhavan.gov.in/) पर अपना स्लॉट ऑनलाइन बुक कर सकते हैं।
वॉक-इन आगंतुक गेट नंबर 35 के बाहर स्थित स्वयं सेवा कियोस्क के माध्यम से अपना पंजीकरण करा सकते हैं। अब तक, अमृत उद्यान ग्रीष्मकालीन वार्षिक संस्करण, 2024 के दौरान 1.5 लाख से अधिक आगंतुकों ने अमृत उद्यान का दौरा किया है। दौरे के दौरान, आगंतुकों को पर्यावरण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक बीज पत्र दिया जा रहा है।