शिमला, 1 सितंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में मानसून कमजोर पड़ने से भारी बारिश से राहत मिली है। कुछ स्थानों पर ही हल्की वर्षा हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले 48 घंटे के दौरान मानसून की सक्रियता बढ़ेगी और कई स्थानों पर तेज़ बारिश होगी। 3 सितंबर को मैदानी और मध्यपर्वतीय इलाकों में भारी बारिश का येलाे अलर्ट जारी किया गया है। इस दिन 12 में से 10 जिलों के लिए गरज के साथ भारी बारिश हाे सकती है। लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य सभी जिलों के कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की आशंका है। 7 सितंबर तक समूचे प्रदेश में मौसम के खराब रहने के आसार हैं।
राज्य में पिछले एक हफ्ते के दौरान कहीं भी मूसलाधार बारिश नहीं हुई है। इस वजह से कहीं भी भूस्खलन की बड़ी घटना भी नहीं हुई। मानसून सीजन में अब तक सामान्य से 23 फ़ीसदी कम बारिश हुई है। रविवार काे राजधानी शिमला सहित राज्य के ज्यादातर हिस्सों में सुबह से धूप खिली हुई है। शनिवार काे भी अधिकांश हिस्सों में मौसम साफ बना रहा। मैदानी इलाकों ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर में धूप खिलने से गर्मी तेज़ महसूस की गई। ऊना का अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया जा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक बीते 24 घंटे के दौरान जनजातीय क्षेत्रों सियोबाग व ताबो में 35-35 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है।
भूस्खलन से 51 सड़कें बंद, 16 बिजली ट्रांसफार्मर ठप
राज्य में अगस्त महीने के शुरुआती दिनों में हुई व्यापक वर्षा ने तबाही मचाई थी। जगह-जगह भूस्खलन होने से सैकड़ों सड़कें बंद हो गईं थीं। इन्हें बहाल करने का कार्य अभी तक चल रहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक रविवार सुबह तक 51 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ठप रही। शिमला जिला में 18, मंडी में 11, कांगड़ा में 10, कुल्लू में नौ और ऊना, सिरमौर और लाहौल-स्पीति में एक-एक सड़क अवरुद्ध है। इसके अलावा किन्नौर में सात, कुल्लू में छह और चंबा जिला में तीन ट्रांसफार्मर खराब रहने से बिजली आपूर्ति प्रभावित है। शिमला जिला में आठ पानी की परियोजनाएं भी ठप पड़ी हैं।
दो माह में 88 जगह हुई बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन की घटनाएं
राज्य में मानसून ने 27 जून को दस्तक दी थी। मानसून सीजन के दो माह में 88 जगह बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। 31 जुलाई की मध्यरात्रि शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी। बाढ़ ने शिमला जिला के समेज गांव का नामोनिशान मिटा दिया था। गांव के 36 लोग लापता हो गए थे। इनमें 21 के शव बरामद कर लिए गए हैं और 15 अभी भी लापता हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार मानसून में वर्षा जनित हादसों में 270 लोग मारे गए और 30 लापता हैं। मानसून से चल व अचल संपति को 1265 करोड़ का नुकसान पहुंचा है। इस दौरान 175 घर पूरी तरह धराशायी हुए, जबकि 475 घरों को आंशिक नुकसान हुआ। 58 दुकानें और 462 पशुशालाएं भी पूर्ण रूप से ध्वस्त हुईं।