शिमला, 1 सितंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में मरीजों को बेहतर सुविधा का दावा करने वाले सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटरर्ज के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। वेंटिलेटर का गम्भीर मरीजों के लिए इस्तेमाल होता है और वर्तमान में राज्य के 66 सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में वेटिलेटर्ज की सुविधा उपलब्ध है। हैरानी की बात यह है कि अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में आधे से ज्यादा वेंटिलेटरर्ज का इस्तेमाल नहीं हो रहा है और कई खराब पड़े हैं। वेंटिलेटरर्ज को प्रयोग में न लाने की सबसे बड़ी वजह टैक्नीशयन व मेडिकल स्टाफ का न होना है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में कल 914 वेंटिलेटर्ज उपलब्ध हैं। इनमें से 416 वेंटिलर क्रियाशील हैं। 498 वेंटिलेटर इस्तेमाल में नहीं लाए जा रहे हैं और इनमें 128 वेंटिलेटर्स खराब पड़े हैं। उन्होंने बताया कि तकनीकी खराबी, तकनीकी स्टाफ व मेडिकल आफिसर की कमी व अन्य कारणों से इनका वेंटिलेर्स का प्रयोग नहीं हो रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मंडी के नेरचौक स्थित मेडिकल कॉलेज में सबसे ज्यादा 51 वेंटिलेटर्ज खराब हैं। वहीं शिमला स्थित सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में 29 वेंटिलेटर्ज खराब हैं। चंबा मेडिकल कालेज में 14, हमीरपुर मेडिकल कालेज में 10, पालमपुर सिविल अस्पताल में दो, रिकांगपिओ क्षेत्रीय अस्पताल में एक, सिविल अस्पताल रोहड़ू में चार, जोनल अस्पताल रिपन शिमला में दो, कमला नेहरू अस्पताल में दो, नाहन मेडिकल कालेज में 10, सिविल अस्पताल अर्की में दो और क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में एक वेंटिलेटर्ज खराब है। इसके अलावा हमीरपुर मेडिकल कालेज में 51 वेंटिलेटर्ज का तकनीकी स्टॉफ की कमी के कारण इस्तेमाल नहीं हो रहा है। इसी तरह टांडा मेडिकल कॉलेज में 46, रिकांगपिओ अस्पताल में 22, क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में 21, नेरचौक मेडिकल कालेज में 60, जोनल अस्पताल रिपन में 21, आइ्रजीएमसी में 59, नाहन मेडिकल कौलेज में 34, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में 16 वेंटिलेटर्ज का इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने बताया कि प्रदेश के 66 सरकारी अस्पतालों (मेडिकल कॉलेजों को मिलाकर) में वेंटिलेटर्ज की सुविधा उपलब्ध है। इनमें 914 वेंटिलेटर्ज हैं। आईजीएमसी में 119, नेरचौक मंडी में 101, टांडा मेडिकल कॉलेज में 133, हमीरपुर मेडिकल कालेज में 69 और चंबा मेडिकल कॉलेज में 65 वेंटिलेटर्ज मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि टेक्नीशियन व मेडिकल ऑफिसर्ज़ की कमी की वजह से कई वेंटिलेटर्ज का सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। मेडिकल स्टाफ को जल्द भर कर इन वेंटिलेटर्ज का इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाएगा।