कोलकाता, 31 अगस्त (हि.स.)। पश्चिम बंगाल सरकार ने शनिवार को एक अधिसूचना जारी कर मनोज पंत को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है। निवर्तमान मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिक के कार्यकाल विस्तार की मंजूरी केंद्र सरकार से नहीं मिलने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मनोज पंत को इस पद के लिए चुना।
गोपालिक का कार्यकाल पहले ही 31 मई को समाप्त हो चुका था, लेकिन राज्य सरकार ने उनके कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाने की मांग की थी, जिसे केंद्र ने मंजूरी दे दी थी। हालांकि, दूसरी बार कार्यकाल विस्तार के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी नहीं दी। शुक्रवार को ही नवान्न से संकेत मिले थे कि शायद केंद्र से मंजूरी नहीं मिलेगी। इसके बावजूद, राज्य सरकार ने शनिवार तक इंतजार किया, लेकिन शाम तक मंजूरी न मिलने के कारण मनोज पंत को नया मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया गया।
मनोज पंत ने ऐसे समय में राज्य के मुख्य सचिव का कार्यभार संभाला है, जब राज्य सामाजिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है, जिसका असर राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों पर भी पड़ा है। इस स्थिति को संभालना मनोज पंत के लिए इस समय की सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक स्तर पर कुछ फेरबदल किए थे। मनोज को वित्त सचिव के पद से हटाकर सिंचाई और जल संसाधन विभाग का अतिरिक्त सचिव बनाया गया था। मात्र 24 घंटे के भीतर उन्हें एक और बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए राज्य का मुख्य सचिव बना दिया गया।
शुक्रवार को नवान्न में कुछ अन्य अधिकारियों के भी कार्यभार बदले गए थे। मनोज की जगह वित्त विभाग के सचिव पद पर प्रभात कुमार मिश्रा को नियुक्त किया गया। प्रभात कुमार सिंचाई और जल संसाधन विभाग के सचिव थे। मनोज को सिंचाई विभाग का सचिव नियुक्त किया गया था, लेकिन 24 घंटे के भीतर ही उन्हें मुख्य सचिव बना दिया गया। अतिरिक्त मुख्य सचिव रैंक की अधिकारी रोशनी सेन, जो अब तक मत्स्य विभाग की सचिव और पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम की प्रबंध निदेशक थीं, उन्हें जल संसाधन विकास विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है।