बिजनौर,28 अगस्त (हि.स.)। जनपद के ग्राम पंचायत कुलचाना के मजरा पिलाना क्षेत्र में हुई जनहानियों के रोकने एवं बीस दिनों में तीन इंसानों का शिकार करने वाले गुलदार को वन विभाग द्वारा पकड़ने हेतु चलाये जा रहे रेस्क्यू अभियान काे आखिरकार सफलता मिल ही गई। आदमखाेर गुलदार के पकड़े जाने से क्षेत्र के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।
वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम कुलचाना में लगाए गए पिंजरे में 28 अगस्त की प्रातः 5.30 बजे एक गुलदार सुरक्षित रूप से पिंजरे में आकर कैद हाे गया, जिसे रेस्क्यू कर चांदपुर रेंज कार्यालय ले जाया गया है। रेस्क्यू किये गए गुलदार का स्वास्थ्य परीक्षण डॉ दक्ष गंगवार, पशु चिकित्सक पीलीभीत टाइगर रिज़र्व से कराया जा रहा है। उक्त रेस्क्यू गुलदार नर है जो कि पूर्ण वयस्क एवं जिसकी उम्र करीब 6 वर्ष के आस पास है। डाक्टर के अनुसार पकड़ा गया गुलदार के दोनों लोअर कैनाइन (दांत) टूटे हुए हैं।
गुलदार का रेस्क्यू ऑपरेशन एसडीओ बिजनौर ज्ञान सिंह के नेतृत्व में तथा अरुण कुमार सिंह डीएफओ के मार्ग दर्शन में एक हफ्ते से चलाया जा रहा था। जिसमें रेंजर चांदपुर दुष्यंत सिंह और रेंजर बिजनौर महेश गौतम के साथ मुरादाबाद, अमरोहा एवं पीलीभीत टाइगर रिजर्व के विशेषज्ञ रात दिन लगे हुए थे। एसडीओ ज्ञान सिंह ने बताया कि यह रेस्क्यू ऑपरेशन वन्य जीव विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार आगे भी लगातार जारी रहेगा। उन्हाेंने अपील की कि क्षेत्र में मानव वन्य जीव संघर्ष की घटित घटनाओं के दृष्टिगत वन विभाग द्वारा आम जनों से अपील की जा रही है कि गन्ने के खेतों में चारा लेने अकेले न जाये। चारा लेने हेतु महिलाओं और बच्चों को कदापि न भेजें। ज्यादातर घटनाएं गन्ने के खेतों में चारा आदि लेने के दौरान बैठे होने पर घटित हुई हैं। क्षेत्र में अभी अन्य गुलदार होने की भी आशंका जताई जा रही है, इसलिए वन विभाग आम जन मानस से सावधानी बरतने की अपील की है।
उल्लेखनीय है कि हल्दौर से चांदपुर क्षेत्र के सिसौना, प्लाना, कुलचाना, अम्हेड़ा आदि एक दर्जन गांवों में गुलदार काफी सक्रिय हैं। पिछले डेढ़ साल में गुलदार इस क्षेत्र में एक दर्जन लोगों को मार चुके हैं। जनपद में गुलदारों का आतंक इस कदर फैला है कि अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले आठ दिनों से दिन रात किसानों ने डीएफओ कार्यालय पर गुलदारों के आतंक से निजात दिलाने की मांग को लेकर धरना दिया जा रहा था, फलस्वरूप डीएफओ कार्यालय बन्द पड़ा है। जिला प्रशासन किसानों से दो बार वार्ता कर चुका है पर सफलता नहीं मिली। किसान गुलदारों को समाप्त करने अथवा पकड़कर वनों में छोड़े जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। वन विभाग ने क्षेत्र के कई गांवों में दर्जन भर पिंजरे, बड़ी संख्या में ट्रेप कैमरे के साथ ड्राेन से भी तलाशी अभियान चलाया हुआ है। एक हफ्ते से विभाग की टीम खेतों की दिन रात खाक छान रही है। इस बीच तीन इंसानों को शिकार बनाने पर क्षेत्र में रोष देखते हुए शासन द्वारा गुलदार को नरभक्षी घोषित कर दिया गया था। तीन घटना होने पर ग्रामीणों ने रोड जाम करने के साथ ही रेलवे ट्रैक जाम कर घंटों ट्रेन को भी रोक दिया था।