बाढ़ की स्थिति को देखने के लिए एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल कल राज्य में आ रहा है

अगरतला, 27 अगस्त: राज्य में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्रीय गृह सचिव (विदेशी प्रभाग) बीसी जोशी के नेतृत्व में एक अंतर-मानालय केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल (आईएमसीटी) कल राज्य में आ रहा है। टीम में कृषि, व्यय मंत्रालय (वित्त), जल शक्ति (जल संसाधन मोक), ग्रामीण विकास मोक और सड़क परिवहन और राजमार्ग मोक के अधिकारी शामिल होंगे। राजस्व विभाग के सचिव बिजेश पांडे ने आज शाम अगरतला प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह खबर दी उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने के लिए इस प्रतिनिधिमंडल को राज्य में भेज रही है.

राजस्व विभाग के सचिव बिजेश पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अब तक पूरे राज्य में 492 शिविरों में 72 हजार से ज्यादा गरीब लोग हैं. इनमें अकेले गोमती जिले के 50 हजार से ज्यादा लोग हैं जिला प्रशासन इन शिविरों में भोजन, पेयजल, चिकित्सा सुविधाओं सहित आवश्यक राहत सामग्री वितरित कर रहा है कोरबुक और अमरपुर उपमंडलों में 300 से अधिक प्रभावित लोगों को कपड़े वितरित किए गए हैं उन्होंने कहा, राज्य आपदा मोचन बल की 6 टीमें और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की 5 टीमें गोमती और सिपाहीजला जिलों में राहत कार्य में लगी हुई हैं. इसके अलावा सिविल डिफेंस और आपदा मित्र के लगभग 500 स्वयंसेवक राहत वितरण कार्य में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस बाढ़ से अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है और 2 लोग घायल हुए हैं 1 व्यक्ति लापता भी है ।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजस्व विभाग के सचिव श्री पांडे ने कहा कि उच्च स्तर पर स्थिति की नियमित समीक्षा की जा रही है आज शाम मुख्य प्रोफेसर डाॅ. माणिक साहा ने राज्य में बाढ़ की स्थिति पर समीक्षा बैठक की. बैठक में राज्य के मुख्य सचिव, राज्य पुलिस महानिदेशक, पीसीसीएफ, राहत, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन विभाग सहित सभी विभागों के सचिव और विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों के प्रमुख शामिल हुए. बैठक में मुख्य रूप से जिन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई उनमें सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, स्वच्छता, शैक्षणिक संस्थानों और आंगनवाड़ी केंद्रों को खोलना, बिजली कनेक्शन की बहाली, सभी कार्यालयों का व्यापक क्षति मूल्यांकन, बाढ़ प्रभावित डुप्लिकेट जारी करना शामिल है। पीआरटीसी, बोर्ड परीक्षा के आवश्यक दस्तावेज, एससी और एसटी कल्याण प्रमाण पत्र, बाढ़ से मृत/घायलों के परिवारों को तत्काल मुआवजे के साथ अनुग्रह राशि, नष्ट हुए घरों की वर्तमान स्थिति की जांच और तत्काल मुआवजा भुगतान जैसे विभिन्न दस्तावेजों के प्रमाण पत्र। साथ ही राहत, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ने आज सभी जिलाधिकारियों और सहयोगियों के साथ बैठक कर राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजस्व विभाग के सचिव श्री पांडे ने कहा कि सोनामुरा में आज गोमती नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. उन्होंने कहा कि 3,273 पेयजल परियोजनाओं में से 977 परियोजनाएं पूरी तरह शुरू हो चुकी हैं शेष परियोजनाओं की शीघ्र मरम्मत की जा रही है जिलाधिकारियों को जहां भी आवश्यकता हो, टैंकरों के माध्यम से सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है उन्होंने कहा कि इस समय स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है डॉक्टरों ने 1,207 बार विभिन्न राहत शिविरों का दौरा किया और 35,993 लोगों का इलाज किया 1,799 स्वास्थ्य शिविरों में 42,800 लोगों का इलाज किया गया है साथ ही स्वास्थ्य विभाग जल जनित समेत विभिन्न बीमारियों की रोकथाम के लिए 2000 बैग ब्लीचिंग पाउडर, 2 लाख ओआरएस पैकेट, बड़ी मात्रा में हेलोजन टैबलेट, जिंक टैबलेट और अन्य दवाएं खरीदेगा. राजस्व विभाग के सचिव ने बताया कि विभिन्न संगठनों से राहत सामग्री एकत्र कर पीड़ितों तक पहुंचाने के लिए पर्यटन विभाग के निदेशक प्रशांत बादल नेगी के नेतृत्व में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की एक समिति बनाई गई है.

यह समिति स्वयंसेवी संगठनों के साथ मिलकर काम करेगी उन्होंने कहा कि राहत, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने 8 जिलों के लिए 69 करोड़ रुपये और कृषि एवं बिजली विभाग के लिए 5 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में कार्य एवं स्वास्थ्य विभाग की सचिव किरण गिठे और बिजली विभाग के सचिव अभिषेक सिंह ने भी यह जानकारी दी उन्होंने बाढ़ में अपने-अपने विभागों की क्षति की एक तस्वीर का जिक्र करते हुए कहा कि इसे तत्काल दुरुस्त करने की पहल की गयी है

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