कोलकाता, 27 अगस्त (हि.स.)। कोलकाता में आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शहर के पुलिस सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) अनूप दत्ता के लिए झूठ पकड़ने वाले परीक्षण की अनुमति मांगी है। यह जानकारी मंगलवार को अधिकारियों ने दी।
सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि क्या दत्ता ने आरोपित संजय रॉय को अपराध छिपाने में मदद की थी। रिपोर्ट के अनुसार, दत्ता पर आरोप है कि उन्होंने रॉय को कई तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई थीं। सीबीआई यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या रॉय ने दत्ता को अपराध के बारे में बताया था और क्या उसे कोई मदद मिली थी।
अधिकारियों के अनुसार, अदालत दत्ता की सहमति के बाद इस परीक्षण की याचिका पर फैसला करेगी। इससे पहले, सीबीआई ने मंगलवार को मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का झूठ पकड़ने वाला परीक्षण पूरा किया। घोष को लगातार तीन दिनों तक पॉलीग्राफिक टेस्ट की श्रृंखला से गुजरना पड़ा। शनिवार को घोष का ‘आवाज विश्लेषण परीक्षण’ हुआ था, इसके बाद सोमवार को झूठ पकड़ने वाला परीक्षण हुआ था, जो अधूरा रह गया था और मंगलवार को इसे फिर से किया गया।
आवाज विश्लेषण परीक्षण एक नई तकनीक है जो वक्ता की प्रतिक्रिया में तनाव, संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं और भावनात्मक संकेतों का पता लगाती है। वहीं, झूठ पकड़ने वाला परीक्षण एक और तकनीक है, जो संदिग्धों और गवाहों के बयानों में असमानताओं का मूल्यांकन करने में मदद करती है। इसके जरिए उनकी मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाओं जैसे हृदय गति, श्वसन प्रक्रिया, पसीना और रक्तचाप की निगरानी की जाती है।
हालांकि, ये परीक्षण न्यायालय में प्रमाण के रूप में मान्य नहीं होते, बल्कि इन्हें केवल मामले में आगे के सुराग प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।