रायगढ़, 27 अगस्त (हि.स.)। खरसिया विधायक उमेश पटेल ने भाजपा सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है कि, युक्तियुक्तकरण की आड़ में शासकीय स्कूलों को बंद करना तथा नया भर्ती नहीं करना प्रतीत होता है।
जारी आदेश के अनुसार, राज्य के लगभग 4000 से अधिक स्कूलों को बंद कर अध्यापनरत शिक्षकों को अन्य शालाओं में भेजने के निर्देश दिये गये हैं, किन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि इस युक्तियुक्तकरण नियम के अनुसार से स्कूलों के सेटअप में भी परिवर्तन किया जा रहा है। जिससे सभी स्कूलों के शिक्षक के रिक्त पद समाप्त हो रहें हैं, ऐसी स्थिति में प्रशिक्षित बी.एड़. व डी.एड़. तथा शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यार्थियों के लिए आगामी 10 से 15 वर्षों तक में नई भर्ती के द्वार पूर्णतः समाप्त हो जाएगा। चूंकि विद्यालय बंद होगा, शिक्षक को युक्तियुक्तकरण कर दिया जायेगा तथा सेटअप को बदल दिया जायेगा तो नया भर्ती कहां से होगा। युक्तियुक्तकरण के नये सेटअप के अनुसार प्रदेश के स्कूलों में शिक्षाव्यवस्था पर विपरित असर दिखेगा तथा प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल पायेगा।
वर्तमान में जारी युक्तियुक्तकरण संदर्भित निर्देश, शिक्षा की गुणवत्ता, छात्रहित पालकों के हित के प्रतिकूल है। प्रदेश में संचालित कई स्कूलों में बालवाडी एवं प्राथमिक शाला सहित कुल 06 कक्षा संचालित होती हैं जिसको 2 शिक्षकों के भरोसे कैसे संचालित होगा। शिक्षक के पदों की संख्या कम होगी तो नई भर्ती कहां से होगा? विसंगतीपूर्ण युक्तियुक्तकरण से शिक्षक सेटअप को समाप्त करने का प्रयास है। शिक्षक एवं विद्यार्थी अनुपात में कटौती किया जा रहा है जिससे सरकारी विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संभव नहीं है। सरकार द्वारा कार्यरत शिक्षकों को अतिशेष माना जा रहा है जिससे प्रतित होता है कि सरकार नई भर्ती नहीं करना चाहती। जिससे शिक्षित और प्रशिक्षित बेरोजगार जो शिक्षक बनना चाहते हैं उनका शिक्षक बनने का सपना केवल सपना रह जायेगा। यह युक्तियुक्तकरण गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित रखनें की साजिश प्रतित होता है तथा बेरोजगारों के साथ कुठाराघात प्रतित होता है।