रायपुर, 27 अगस्त (हि.स.)।राजधानी रायपुर समेत पूरे प्रदेश में धूमधाम से जन्माष्टमी मनाई गई । प्रदेश के अलग-अलग मंदिरों में सोमवार शाम से ही जन्माष्टमी की धूम रही । रायपुर के टाटीबंध स्थित इस्कॉन मंदिर, जैतू साव मठ और समता कालोनी स्थित राधा-कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी की धूम देखने को मिली।
सोमवार रात 12:00 बजे के बाद रायपुर के सिटी कोतवाली थाने के कारागार में बाल गोपाल का जन्म हुआ। थाने में अंधेरा कर दिया गया। इस दौरान कोतवाली के सिपाही सो गए ।इसके बाद वासुदेव उन्हें टोकरी में लेकर सदर बाजार के गोपाल मंदिर में पहुंचे ।सुबह से वहां वक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते रहे।
बिलासपुर के भी वेंकटेश्वर मंदिर ,श्याम खाटू दरबार ,श्याम मंदिर, श्री राम मंदिर सहित पूरे प्रदेश में जन्माष्टमी की धूम रही। रायपुर के जैतू साव मठ में भगवान को भोग लगाने के लिए 1100 किलो मालपुआ तैयार किया गया। रायगढ़ के प्रसिद्ध गौरी मंदिर में भी 5 दिनों तक चलने वाला मेले में झांकियां देखने लोग जुटे हैं । जवाहर नगर, रायपुर स्थित राधाकृष्ण मंदिर में फूलों से कारागार के सात दरवाजे बनाए गए हैं। मंदिर में शाम को भजन के दौरान संगीत की धुन से बादल के गरजने, बिजली के चमकने और शिशु के रोने की आवाज सुनाई दी। इससे पूर्व सुबह 8.30 बजे जुगलजोड़ी सरकार का 501 लीटर दूध से अभिषेक, महाआरती की गई। भक्तों को दही, माखन-मिश्री का प्रसाद वितरित किया गया। समता कालोनी स्थित खाटू श्याम मंदिर में चांदी के सिंहासन पर विराजे श्याम सरकार का सफेद फूलों से श्रृंगार किया गयाा। रात्रि में भजनों की प्रस्तुति दी गई। आज मंगलवार को शोभायात्रा निकालकर नंदोत्सव मनाया जा रहा है । दो सौ साल पुराने जैतू साव मठ में मंदिर प्रांगण में भजन संध्या और नृत्य का आयोजन किया गया। रात 12 बजे कृष्ण जन्म के साथ महाआरती की शुरुआत हुई।
टाटीबंध स्थित इस्कॉन मंदिर की बात करें तो यहां सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है। इस्कॉन मन्दिर में सुबह से ही अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। वहीं रात 12 बजे कृष्ण जन्म के साथ भगवान को छप्पन भोग का भोग लगाया गया। इसके बाद यहां भगवान की महाआरती की गई। इस्कॉन मंदिर में भी भजन संध्या के साथ-साथ कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। भक्त यहां झूमते हुए नजर आए।बूढ़ापारा स्थित गोकुल चंद्रमा मंदिर में पूरे सावन माह में अलग-अलग दिन काजू, किशमिश, बादाम, पान, मूंगफली, फूलों के अलावा चांदी-सोने के गहनों से झूले का श्रृंगार किया गया। जन्माष्टमी पर रात्रि में महाआरती के पश्चात प्रसाद वितरण किया गया । 27 अगस्त को नंदोत्सव की धूम है । नंदबाबा खुशियां मनाएंगे। भोलेबाबा, भगवान कृष्ण के बाल रूप का दर्शन करने पहुंचेंगे।