हिमाचल प्रदेश के चार जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट

शिमला, 25 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में शनिवार की रात बारिश हुई। राजधानी शिमला सहित आसपास के इलाकों में रविवार को भी बारिश हुई, जबकि अन्य हिस्सों में बादल छाए रहे । पिछले कुछ दिनों से राज्य में मानसून सुस्त चल रहा है और भारी बारिश में कमी आई है। अगले 48 घंटे में मानसून के रफ्तार पकड़ने से भारी बारिश की आशंका है।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने चार जिले शिमला, सोलन, मंडी और कांगड़ा के लिए में 27 व 28 अगस्त काे भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इन दो दिनों में भारी वर्षा की आशंका के मद्देनजर लोगों को सतर्क रहने व एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। लोगों व सैलानियों को आगाह किया गया है कि वे भूस्खलन संभावित इलाकों की यात्रा न करें। साथ ही नदी-नालों के किनारों पर भी न जाएं। राज्यभर में आगामी 31 अगस्त तक मौसम के खराब रहने का अनुमान है।

माैसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटे में सोलन में सर्वाधिक 36 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड हुई है। इसके अलावा धर्मशाला में 28, कसौली में 25, धर्मशाला में 21, आरएल बीबीएमबी में 20, बरठीं में 19, ऊना व भराड़ी में 16-16, बरठीं एग्रो में 13, मंडी व शिमला में 11-11, मनाली में 10, काहू व पालमपुर में सात-सात, सरकाघाट में पांच, नैना देवी व गोहर में चार-चार मिमी वर्षा हुई है।

भूस्खलन से 73 सड़कें बंद, 53 बिजली ट्रांसफार्मर ठप

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक भूस्खलन से राज्य की 73 सडकें अवरुद्ध हैं। एक पुल भी आवाजाही के लिए बंद पड़ा है। शिमला में सबसे ज्यादा 35, मंडी में 20, कांगड़ा में नौ, कुल्लू में छह, किन्नौर में दो और ऊना में एक सड़क बंद है। कांगड़ा जिला के इंदौरा में एक पुल भी भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुआ है। इसके अलावा 53 ट्रांसफार्मरों के ठप पड़ने से कुछ स्थानों पर बिजली भी गुल है। मंडी में 41, कुल्लू में छह, किन्नौर में चार और चम्बा में दो ट्रांसफार्मर बंद हैं। हालांकि भारी वर्षा व भूस्खलन से कोई भी पेयजल योजना बाधित नहीं है।

मानसून सीजन में 135 घर गिरे, 416 घरों को नुकसान

प्रदेश में इस बार भी मानसून ने तबाही मचाई है। मानसून में 135 घर, 57 दुकानें और 415 पशुशालाएँ पूरी तरह धराशायी हुईं। वहीं 416 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। मानसून सीजन के पिछले करीब दो माह में 1212 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। जगह-जगह सड़कों व पुलों के ध्वस्त होने से लोकनिर्माण विभाग को सर्वाधिक 552 करोड़ का नुकसान हुआ है। वहीं जलशक्ति विभाग को 488 करोड़ का नुकसान आंका गया। राज्य में वर्षा जनित हादसों में 247 लोगों की मौत हुई, 374 घायल हुए और 31 लापता हैं।


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