उज्जैन, 25 अगस्त (हि.स.)। इस श्रावण-भादौ मास के छटे सोमवार, 25 अगस्त को बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलेंगे और छ: स्वरूप में दर्शन देंगे। पालकी में चंद्रमौलेश्वर,गजराज पर मन महेश,गरूड़ रथ पर शिव तांडव,नंदी रथ पर उमा महेश,डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद तथा घटाटोप मुखारविंद रहेंगे। पालकी अपरांह 4 बजे पूजन पश्चात नगर भ्रमण पर निकलेगी।
कलेक्टर सह महाकाल मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष नीरजकुमार सिंह ने बताया कि सोमवार अपरांह कोटितीर्थ परिसर स्थित सभा मण्डप में बाबा महाकाल का पूजन,अभिषेक किया जाएगा। पश्चात पालकी में भगवान का चंद्रमौलेश्वर स्वरूप विराजीत करके मुख्य द्वार पर पालकी लाई जाएगी। यहां पर परंपरानुसार सशस्त्र पुलिस बल द्वारा भगवान को गार्ड ऑव ऑनर दिया जाएगा। यहां से पुलिस बैण्ड की सुमधुर धुन पर बाबा नगर भ्रमण पर निकलेंगे। पालकी के गजराज पर मन महेश,गरूड़ रथ पर शिव तांडव,नंदी रथ पर उमा महेश,डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद तथा घटाटोप मुखारविंद रहेंगे।
सवारी कोट मौहल्ला चौराहा, गुदरी, बक्षी बाजार,कहारवाड़ी होकर रामघाट पहुंचेगी। पूरे मार्ग पर भक्तों द्वारा गुलाब के फूलों की पंखुरियों से जमकर वर्षा कर बाबा की अगवानी की जाएगी। मार्ग में रंगोली भी बनाई जाएगी। पालकी जब रामघाट पहुंचेगी तो परंपरानुसार यहां पर मां शिप्रा का पूजन किया जाएगा वहीं बाबा महाकाल का मां शिप्रा के जल से अभिषेक किया जाएगा। यहां से पालकी पुन: मंदिर के लिए रवाना होगी। पालकी रामानुजकोट,मोढ़ की धर्मशाला,खाती का मंदिर,सत्यनारायण मंदिर,ढाबा रोड़,टंकी चौक, छत्रीचौक होकर गोपाल मंदिर,पटनी बाजार,गुदरी, कोट मौहल्ला चौराहा होकर पुन: मंदिर पहुंचेगी।
सोमवार को ही जन्माष्टमी
सोमवार को जन्माष्टमी है। शहर में एक ओर जहां जन्माष्टमी महोत्सव की धूम रहेगी वहीं दूसरी ओर बाबा महाकाल की सवारी निकलेगी। पुराने शहर में खासी गहमागहमी देखने को मिलेगी। जब पालकी गोपाल मंदिर पहुंचेगी तो तत्कालिन सिंधिया रियासत की ओर से गोपाल मंदिर पर पालकी का पूजन,आरती परंपरानुसार की जाएगी। इसी दौरान बाबा महाकाल की ओर से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के चलते बधाईयां दी जाएगी। यह दृश्य आलोकिक होगा।