विश्व हिंदू वार्ता के 50 साल पूरे, नेशनल लाइब्रेरी के विशेषांक का विमोचन
कोलकाता, 24 अगस्त (हि.स.)। विश्व हिंदू वार्ता ने अपने 51वें वर्ष में प्रवेश किया। इस विशेष अवसर पर शनिवार को कोलकाता के नेशनल लाइब्रेरी के ऑडिटोरियम में एक विशेषांक का विमोचन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन उपस्थित थे।
डॉ. जैन ने कहा कि पश्चिम बंगाल दुर्गा की भूमि है। यहां की महिलाएं जाग चुकी हैं। जिस तरह से मां दुर्गा अपने बच्चों का पालन और दुष्टों का संहार करती हैं वैसे ही बंगाल में दुष्टों के संहार के लिए दुर्गा का रूप लेना होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा कि आरजी कर कांड में उन्होंने आरोपितों को बचाने की कोशिश की। पिछले 70 सालों में बंगाल में जितना हिंदुओं का नरसंहार हुआ है उतना कहीं नहीं हुआ।
उन्होंने बताया कि 1964 में विश्व हिंदू परिषद की स्थापना हुई थी और मात्र 10 साल के भीतर बंगाल की धरती से विश्व हिंदू वार्ता का प्रकाशन शुरू हुआ। इस प्रकाशन के पीछे बैंक के मैनेजर अरुण भट्टाचार्य और 42 वर्षों तक वार्ता के संपादक रहे सत्य रंजन गिरी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। सत्य रंजन गिरी अभी भी जीवित हैं और वे इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। आगामी एक वर्ष के दौरान पूरे बंगाल में तीनों क्षेत्रों (पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम) में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विश्व हिंदू वार्ता के 50 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाया जाएगा।
डॉ. जैन ने कहा कि बंगाल की धरती पर महिलाओं पर हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं। एक समय था जब इस धरती पर महिलाओं को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था लेकिन आज वे मूल्य खो चुके हैं। हाल ही में एक बच्ची की मौत को दबाने की कोशिश की गई, जो निंदनीय है। ऐसा लगता है कि बख्तियार खिलजी की आत्मा ममता बनर्जी में बस गई है।
उन्होंने कहा कि 47 वर्षों के इतिहास में 34 साल वाम मोर्चा और 13 साल ममता बनर्जी के शासन में हिंदुओं पर जो अत्याचार हुआ, वह अभूतपूर्व है। हिंदुओं को उनके धार्मिक जुलूस तक निकालने नहीं दिए गए। जैन ने कहा कि बांग्लादेश में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में हिंदुओं का उत्पीड़न होता है, वैसे ही बंगाल में भी हो रहा है। हम मुस्लिम विरोधी नहीं हैं लेकिन हम भारत माता के लिए काम करने को प्रतिबद्ध हैं। विदेशी ताकतों के उकसावे से देश में अराजकता फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बंगाल की स्थिति बदलेगी और इसके लिए वे यहां के हिंदुओं के साहस और पहल की सराहना करते हैं।
उन्होंने कहा कि यहां की मुख्यमंत्री ने इतनी जघन्य घटना के साथ राम का नाम जोड़ दिया, जो अत्यंत दुखद है। कई सबूत नष्ट कर दिए गए, जो मां दुर्गा के प्रति सम्मान का उल्लंघन है। यही कारण है कि कई दुर्गा पूजा संगठनों ने सरकारी अनुदान वापस कर दिया है। इस साहसिक कदम के लिए वे उनकी सराहना करते हैं।
विशेषाक के विमोचन समारोह में विश्व हिंदू वार्ता के योगदान के साथ-साथ बंगाल की वर्तमान स्थिति और हिंदू समाज की भूमिका पर भी विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम में सुबीर सान्याल (अध्यक्ष, विहिप, दक्षिणबंग), दीलिप झंवर (सह-अध्यक्ष, विहिंप), चंद्रनाथ दास (सचिव, विहिप, दक्षिणबंग), डॉ. जयदेव बिश्वास (संपादक, विश्व हिंदू वार्ता), शुभ्र कमल मुखोपाध्याय (पूर्व न्यायाधीश, कलकत्ता हाई कोर्ट), जयदेव चट्टोपाध्याय, स्वामी शांतनंद ब्रह्मचारी (राष्ट्रीय अध्यक्ष, पुनीत जन कल्याण परिषद) और स्वामी कृष्णदेवानंद समेत कई गण्यमान्य उपस्थित थे।