हरिद्वार, 19 अगस्त (हि.स.)। भाई-बहन के पवित्र प्रेम का पर्व रक्षाबंधन पर्व श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। इसी के साथ ब्राह्मणों ने उपाकर्म कर श्रावणी पर्व मनाया। रक्षाबंधन पर्व के चलते बाजारों में खासी चहल-पहल दिखायी दी। वहीं गंगा के घाटों पर भी ब्राह्मण श्रावणी कर्म करते दिखे।
रक्षाबंधन पर्व तीर्थनगरी में श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान बहनों ने भाई की कलाई पर राखी बांधी और उनकी दीर्घायु की कामना की तो भाईयों ने बहन की रक्षा का संकल्प लेते हुए उन्हें उपहार भेंट किए।
भ्रदा के कारण रक्षाबंधन का पर्व दोपहर बाद से मनाया गया। हालांकि पूर्णिमा तिथि प्रातः काल से ही थी, किन्तु भद्रा होने के कारण रक्षाबंधन का पर्व दोपहर बाद से मनाया गया। हालांकि कुछ लोगों ने पाताल की भद्रा होने के कारण इसका विचार न करते हुए रक्षाबंधन किया, किन्तु अधिकांश लोगों ने दोपहर बाद की रक्षाबंधन पर्व मनाया।
वहीं दूसरी ओर ब्राह्मणों ने श्रावणी उपाकर्म कर यज्ञोपवती का संधान कर नूतन यज्ञोपवीत धारण किया और रक्षा सूत्र बांधा। श्रावणी उपाकर्म के चलते गंगा के घाटों पर ब्राह्मणों द्वारा किए जा रहे उपाकर्म का अलग ही नजारा देखने को मिला। ऋग्वेदी ब्राह्मणों ने श्रावणी उपाकर्म किया।
उधर, रक्षाबंधन के कारण बाजारों में खासी रौनक रही। फल तथा मिठाई की दुकानों पर लोगों की खासी भीड़ रही।