नई दिल्ली, 18 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपए) ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा 2022 के परिणाम के बारे में भ्रामक विज्ञापन के लिए श्रीराम आईएएस कोंचिंग संस्थान पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। प्राधिकरण ने श्रीराम कोचिंग के खिलाफ तत्काल प्रभाव से भ्रामक विज्ञापन बंद करने का आदेश जारी किया है।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने कहा कि यह निर्णय उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने के लिए लिया गया है। सीसीपीए ने संस्थान के 200 से अधिक चयनों के दावा में से केवल 171 उम्मीदवारों का वास्तविक चयन पाया। सीसीपीए ने कहा कि संभावित उम्मीदवारों (उपभोक्ताओं) को प्रभावित करने के लिए कोचिंग संस्थान और ऑनलाइन एडटेक प्लेटफॉर्म अक्सर एक ही सफल उम्मीदवारों की तस्वीरों और नामों का इस्तेमाल करते हैं। वे ऐसे उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रमों और भाग लेने की अवधि का खुलासा किए बिना ऐसा करते हैं।
सीसीपीए मुख्य आयुक्त निधि खरे ने कहा कि किसी विज्ञापन में महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा करके तथ्यों का सच्चा और ईमानदार प्रतिनिधित्व होना चाहिए ताकि, वे स्पष्ट, प्रमुख और उपभोक्ताओं के लिए बेहद मुश्किल हों। उन्होंने उपभोक्ता अधिकारों के महत्व और उपभोक्ताओं को सटीक जानकारी प्रदान करने के लिए विज्ञापनदाताओं के दायित्व पर भी प्रकाश डाला। खरे ने बताया कि जांच में सीसीपीए ने पाया कि श्रीराम आईएएस कोचिंग ने विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमों का विज्ञापन किया लेकिन 2022 यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा परिणामों में विज्ञापित सफल उम्मीदवारों के चुने गए पाठ्यक्रम से संबंधित जानकारी जानबूझकर विज्ञापन में छिपाई गई थी।