नई दिल्ली, 17 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय मत्स्य, पशु व डेरी मंत्री ललन सिंह ने शनिवार काे यहां एक बैठक के दाैरान कहा कि भेड़ बकरियाें काे खुर व मुंह में
हाेने वाली बीमारियाें (एफएमडी) से बचाने के लिए केंद्रीय मत्स्य, पशु व डेरी मंत्रालय देश भर में गहन टीकाकरण अभियान चला रहा है। उन्हाेंने कहा कि 2030 तक देश की भेड़-बकरियाें काे खुर व मुंह की बीमारियाें से मुक्त करने की कार्य याेजना है। इस दाैरान राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल और डीएएचडी की सचिव अलका उपाध्याय मुख्य रूप से माैजूद रहीं।
शनिवार काे बैठक में 2030 तक भारत को एफएमडी मुक्त बनाने की कार्य योजना के दाैरान ललन सिंह ने यह भी कहा कि पशुधन भारतीय अर्थव्यवस्था में किसानों की आजीविका में भी योगदान देता है, लेकिन भेड़ व बकरियाें के खुर व मुंह में हाेने वाली बीमारियाें से आजीविका में भारी नुकसान होता है। उन्हाेंने बताया कि एफएमडी के कारण प्रति वर्ष लगभग 24,000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होता है, जाे चिंता का विषय है। उन्हाेंने कहा कि
टीकाकरण अभियान से पशुधन का नुकसान नहीं हाेगा। पशुधन उत्पादों के निर्यात में वृद्धि होगी।
केंद्रीय मंत्री सिंह ने आगे कहा कि इस नुकसान काे राेकने के लिए टीकाकरण अभियान लद्दाख से शुरू हुआ है। कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों में सीरो-निगरानी के आधार टीकाकरण अग्रिम चरण में है। मंत्रालय की याेजना 2030
एफएमडी से मुक्ति दिलाने का है। एफएमडी के लिए मवेशियों और भैंसों में टीकाकरण किया जाता रहा है और अब भेड़ और बकरियों में शुरू किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस विशाल अभ्यास में राज्यों को गुणवत्तापूर्ण वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित करना शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि यह गर्व की बात है कि सभी पशु टीके आईसीएआर संस्थानों द्वारा विकसित किए गए हैं और घरेलू स्तर पर उत्पादित किए जा रहे हैं। भारत के पास अब अन्य चयनित एशियाई देशों को टीके निर्यात करने की क्षमता है।