आरजी कर के हमलावर जब्बार से जाकर मिली पुलिस लेकिन नहीं हुई गिरफ्तारी

कोलकाता, 17 अगस्त (हि.स.) ।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में घुसकर की गई तोड़फोड़ की घटना में सोशल मीडिया पर जिनकी तस्वीरें ‘संदिग्ध’ के रूप में पुलिस ने पोस्ट की हैं, जांच के दौरान उनसे संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस ने केवल जांच की, पर किसी को गिरफ्तार नहीं किया।

स्थानीय लोगों ने बताया कि जिनकी तस्वीरें पुलिस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की हैं, उनमें से कई शासक दल के करीबी माने जाते हैं। कुछ ‘पार्टी के लोग’ के रूप में जाने जाते हैं। वहीं, कई लोगों के बारे में पूछताछ करने पर उनके घर के बजाय राजनीतिक कार्यालयों की तरफ इशारा किया जा रहा है। इलाके के लोग डर के कारण उनके बारे में खुलकर बात नहीं करना चाहते। कुछ लोगों ने केवल दबे स्वर में कहा, “पुलिस आई थी, लेकिन उन्हें पकड़कर नहीं ले गई। वे बड़े नेताओं के लोग हैं, उन्हें कौन पकड़ेगा!” जब उनसे पूछा गया कि वे कौन से ‘बड़े नेता’ हैं, तो इसका कोई जवाब नहीं मिला। हालांकि कुछ लोगों ने बताया कि वे तृणमूल नेताओं के सहयोगी हैं।

पुलिस द्वारा जारी की गई तस्वीरों में से कुछ लोगों की पहचान बेलगाछिया मेट्रो के पास स्थित बस्ती में की गई। वहां के निवासी मोहम्मद जब्बार की तस्वीर सोशल मीडिया पर फैलाई गई है, जिसमें उसे भीड़ के बीच देखा जा सकता है। पड़ोसियों का दावा है कि जब्बार के बड़े भाई इलाके के ‘पार्टी नेता’ के रूप में जाने जाते हैं। हालांकि, जब्बार को घर पर नहीं पाया गया। उसकी मां ने कहा, “मुझे अपने बेटे के बारे में कुछ नहीं पता। पुलिस आई थी, उसने बात की, अगर पकड़ना था तो पकड़ ही सकती थी।”

इस तरह की घटनाओं से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस ने हालांकि इस घटना में 25 लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि असली अपराधी अभी भी आजाद घूम रहे हैं और पुलिस ने केवल कुछ गैर-प्रभावशाली लोगों को गिरफ्तार किया है।

कोलकाता पुलिस के कमिश्नर विनीत गोयल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी घटना होने की संभावना की कल्पना नहीं की जा सकती थी। उन्होंने कहा, “अगर सूचना जुटाने में चूक हुई तो हो सकती है, लेकिन हमने पर्याप्त पुलिस बल तैनात करके स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की है।”

पुलिस ने बताया कि उन्होंने दोषियों को पकड़ने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है और इसके परिणामस्वरूप कई लोग गिरफ्तार भी किए गए हैं। लेकिन अब भी कई संदिग्ध गिरफ्तारी से बच रहे हैं, जिससे स्थानीय लोग नाराज हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *