आरजी कर कांड के खिलाफ दलबल के साथ सड़कों पर उतरीं ममता, दोषियों के लिए फांसी की मांग

कोलकाता, 16 अगस्त (हि.स.)। आरजी कर दुष्कर्म और हत्याकांड के विरोध में शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद सड़कों पर उतरी हैं। उनकी पार्टी की ओर से आज के दिन ‘खेला होबे दिवस’ का ऐलान किया गया था, जो 2021 में उनकी पार्टी की जीत का संकेत था। हालांकि, आज के कार्यक्रम में वैसा कुछ राजनीतिक नहीं दिखा लेकिन मुख्यमंत्री अपनी पार्टी और मंत्रिमंडल के वरिष्ठ नेताओं के साथ सड़कों पर उतरीं और दोषियों के लिए फांसी की मांग की। ममता ने मौलाली से डोरिना क्रॉसिंग तक एक बड़े जुलूस का नेतृत्व किया, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के सांसदों, विधायकों और हजारों आम नागरिकों ने हिस्सा लिया।

ममता बनर्जी ने आरजी कर अस्पताल में हमले के पीछे भारतीय जनता पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “मैं जानती हूं कि माकपा और भाजपा ने इस कांड को अंजाम दिया है। उन्होंने तिरंगे और पार्टी के झंडों के साथ लोगों को भड़काने का काम किया है। यह सब अब बंद होना चाहिए।”

उन्नाव और हाथरस की घटनाओं का जिक्र

अपने भाषण में ममता ने उन्नाव, हाथरस और उत्तराखंड में महिलाओं के साथ हुए अपराधों का जिक्र करते हुए कहा कि जब ये घटनाएं हुई थीं, तब केंद्र सरकार ने कितनी टीमों को भेजा था ? उन्होंने केंद्र की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सवाल उठाया कि उन मामलों में उचित कार्रवाई क्यों नहीं की गई। जुलूस के दौरान तृणमूल नेताओं ने ‘नाटक नहीं, फांसी चाहिए’ और ‘सत्य हम जानना चाहते हैं’ जैसे नारों के साथ अपनी मांगें रखीं। ममता बनर्जी ने इस कांड के पहले दिन से ही कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे और पुलिस को दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने को कहा था। उन्होंने कहा कि मैंने सोमवार को ही निर्देश दिए थे और मंगलवार को कोलकाता पुलिस के कमिश्नर के साथ घटनास्थल पर गई थी।

ममता बनर्जी ने इस अवसर पर सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे झूठी खबरों की भी कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर सभी खबरें सत्य नहीं होतीं। बहुत से लोग पैसे कमाने और राजनीति करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर रहे हैं। ममता ने इस दौरान पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का भी जिक्र किया और कहा कि जब वे जीवित थे, तब वह कई बार उनसे मिलने उनके घर गई थीं। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं में हमेशा उन्होंने विपक्ष में रहते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री को मदद की पेशकश की थी। जुलूस के अंत में ममता ने एक बार फिर से दोषियों के लिए फांसी की मांग की और इस लड़ाई को अंजाम तक ले जाने का संकल्प लिया।

इस रैली की एक खास बात यह थी कि दर्शक दीर्घा में पहली पंक्ति में केवल महिलाएं बैठी थीं। ममता ने मंच से पार्टी के पुरुष नेताओं से आग्रह किया कि वे महिलाओं के लिए आगे की सीटें छोड़ दें। इस जुलूस में तृणमूल के कई वरिष्ठ नेता जैसे सौगत रॉय, कल्याण बनर्जी, ब्रात्य बसु, बाबुल सुप्रियो और अन्य लोग भी शामिल थे। इसके अलावा फिल्म और टीवी इंडस्ट्री के कई सितारे जैसे शताब्दी रॉय, महुआ मोइत्रा, जून मालिया, सायनी घोष, और रचना बनर्जी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

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