पेरिस ओलंपिक में भाग लेकर लौटे भारतीय सेना के खिलाड़ी सम्मानित

– सूबेदार मेजर नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में एकमात्र रजत पदक जीता- सूबेदार बोम्मांडेवारा धीरज को तीरंदाजी (रिकर्व) में चौथा स्थान मिला

नई दिल्ली, 16 अगस्त (हि.स.)। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को साउथ ब्लॉक में पेरिस ओलंपिक से लौटे भारतीय सेना के खिलाड़ियों को सम्मानित किया। पेरिस ओलंपिक में भारतीय दल ने कुल छह पदक (एक रजत और पांच कांस्य) जीते, जिसमें भारतीय सेना के सूबेदार मेजर नीरज चोपड़ा ने भारत के लिए भाला फेंक में एकमात्र रजत पदक जीता। उनके इस प्रदर्शन ने ओलंपिक खेलों में भारतीय सेना को बड़ी उपलब्धि दिलाई है।

सेना के खिलाड़ियों के साथ उपलब्धियों का यह जश्न देश में खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने में भारतीय सेना की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करने का भी अवसर था। भारत 2036 के अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक की मेजबानी की तैयारी कर रहा है, ऐसे में भारतीय सेना ओलंपिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। भारतीय सेना ने 2001 में मिशन ओलंपिक विंग स्थापित किया था, जो खेल प्रतिभाओं की पहचान करने के लिए समर्पित है। भारतीय सेना ने दो गर्ल्स स्पोर्ट्स कंपनियां और 18 बॉयज स्पोर्ट्स कंपनियां स्थापित की हैं। इनका उद्देश्य युवा एथलीटों को कौशल निखारने, उनमें आत्मविश्वास पैदा करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।

पिछले दो दशक की ओलंपिक और एशियाई खेल यात्रा में भारतीय सेना ने 24 पदक जीते हैं, जिनमें 10 रजत, चार स्वर्ण और 10 पदक हैं। 2004 के एथेंस ओलंपिक में कर्नल आरवीएस राठौर ने निशानेबाजी में रजत पदक दिलाया था। 2012 में लंदन ओलंपिक में सब मेजर (मानद कैप्टन) विजय कुमार ने निशानेबाजी में रजत पदक जीता था। 2020 के टोक्यो ओलंपिक में सब मेजर नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में स्वर्ण पदक हासिल किया था। भारतीय सेना के एथलीटों ने एशियाई खेल 2023 के दौरान 03 स्वर्ण, 07 रजत और 10 कांस्य पदक जीते थे। पेरिस ओलंपिक में सब मेजर नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में रजत पदक हासिल किया है। पेरिस ओलंपिक में ही सूबेदार बोम्मांडेवारा धीरज को तीरंदाजी (रिकर्व) में चौथा स्थान मिला है।

पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने गए भारतीय दल के 117 खिलाड़ियों में 13 भारतीय सेना के थे। सेना के खिलाड़ियों ने कुल पदक तालिका में 16.66% का योगदान दिया, जिसमें सबसे ज्यादा रजत पदक शामिल है। पुरुषों की स्पर्धाओं में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 18.2% (12/66) था। पेरिस ओलंपिक में भारतीय सेना ने मुक्केबाजी में अपनी पहली महिला खिलाड़ी हवलदार जैस्मीन को मैदान में उतारा। सेना प्रमुख ने सैन्य खिलाड़ियों की अविश्वसनीय उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त किया।

थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारतीय सेना राष्ट्र के लिए शक्ति, वीरता और अनुशासन का एक स्तंभ है। हमारी सीमाओं की रक्षा करने के अपने प्राथमिक मिशन से परे, सेना लगातार खेल सहित विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक जुड़ावों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करती है, जो राष्ट्र निर्माण में समग्र रूप से योगदान है। सेना प्रमुख ने विश्वास व्यक्त किया कि भारतीय सेना के खिलाड़ी उत्कृष्टता की अपनी खोज जारी रखकर आने वाले दिनों में और अधिक ऊंचाइयों को प्राप्त करेंगे।

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