नई दिल्ली, 11 अगस्त (हि.स.)। अमेरिकी शॉर्ट सेलर फॉर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर एक बार फिर देश में सियासी गर्मी बढ़ती हुई नजर आ रही है। हालांकि कई प्रमुख एक्सपर्ट्स ने इस रिपोर्ट को लेकर हिंडनबर्ग पर देश की अर्थव्यवस्था को निशाना बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही इस फर्म के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की गई है।
बता दें कि हिंडनबर्ग ने इस बार अपनी रिसर्च रिपोर्ट में मार्केट रेगुलेटर सेबी पर अटैक करते हुए आरोप लगाया है की सेबी की चेयरपर्सन माधवी पूरी बुच अडाणी ग्रुप के साथ मिली हुई है। इसीलिए अडाणी ग्रुप के खिलाफ उन्होंने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। हालांकि माधवी पुरी बुच ने हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए सभी आरोपी को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया है। इस रिपोर्ट को लेकर विपक्ष ने भी एक बार फिर केंद्र सरकार और अडानी ग्रुप पर निशाना साधा है। दूसरी ओर, कुछ बैंकिंग और मार्केटिंग एक्सपर्ट्स ने सरकार से हिंडनबर्ग जैसी बाहरी संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
बैंकिंग एक्सपर्ट अश्विनी राणा का मानना है कि हिंडनबर्ग अपनी रिसर्च रिपोर्ट के बहाने भारतीय अर्थव्यवस्था को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है। इसीलिए इस शॉर्ट सेलर फर्म ने एक बार फिर अडाणी ग्रुप और सेबी के चेयर पर्सन पर आरोप लगाकर सनसनी बनाने की कोशिश की है। अश्विनी राणा का कहना है कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट का एक उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था खासकर भारतीय शेयर बाजार को निशाना बनाने की है, ताकि ग्लोबल चुनौती के इस दौर में भारत की आर्थिक मजबूती को चोट पहुंचाया जा सके।
इसी तरह धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का कहना है कि हिंडनबर्ग निजी स्वार्थ और देश विरोधी शक्तियों के मकसद को पूरा करने के लिए सनसनीखेज आरोप लगा रही है। इन आरोपों से भारतीय शेयर बाजार को एक बार फिर झटका लग सकता है। इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था पर भी सवालिया निशान लग सकते हैं। प्रशांत धामी का मानना है कि हिंडनबर्ग जैसी बाहरी संस्थाओं पर दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए, क्योंकि इनका उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को दबाव में डालकर खुद मुनाफा कमाना है। हिंडनबर्ग पहले भी अपनी रिसर्च रिपोर्ट के जरिए सनसनी फैलाने की कामयाब कोशिश कर चुकी है और इस दौरान शॉर्ट सेलिंग करके उसने मोटी कमाई भी की है। इस बार भी हिंडनबर्ग का इरादा मार्केट में अफरा तफरी का माहौल बनाकर शॉर्ट सेलिंग के जरिए मोटी रकम कमाने का हो सकता है। इसलिए भारत सरकार को तत्काल जरूरी कदम उठाना चाहिए।