नई दिल्ली, 10 अगस्त (हि.स.)। रूसी दूतावास का कहना है कि उनकी सरकार सैन्य सेवा में भारतीय नागरिकों की भर्ती के किसी अभियान खासकर किसी अस्पष्ट, कपटपूर्ण अभियान में शामिल नहीं रही है। वहीं इस वर्ष अप्रैल से रूस के रक्षा मंत्रालय ने भारत सहित कई देशों के नागरिकों को रूसी सशस्त्र बलों में सैन्य सेवा में प्रवेश देने पर रोक लगा दी है।नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास ने शनिवार को एक वक्तव्य जारी कर इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट की है। दूतावास का कहना है कि यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान के दौरान भारतीय नागरिकों के हताहत होने की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं। दूतावास भारत सरकार और मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता है।दूतावास ने आगे कहा कि दोनों देशों की संबंधित एजेंसियां रूस में सैन्य सेवा के लिए स्वेच्छा से अनुबंध करने वाले भारतीय नागरिकों की शीघ्र पहचान और उन्हें मुक्त करने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। सभी संविदात्मक दायित्व और देय मुआवजा भुगतान पूरी तरह से पूरा किया जाएगा।विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया था कि ज्यादातर मामलों में सामने आया है कि रूसी सेना में भारतीयों को गुमराह करके ले जाया गया है। रूस की सेना में 91 भारतीयों की तैनाती के मामले सामने आये हैं। इनमें से 8 की मौत हुई है। 14 कार्यमुक्त होकर लौट आए हैं और 69 की वापसी का इंतजार किया जा रहा है।
2024-08-10