नई दिल्ली, 06 अगस्त (हि.स.)। देश के 732 जिले हाथ से मैला ढोने से मुक्त घोषित हो किए जा चुके हैं। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने मंगलवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (शहरी 2.0) के तहत छोटे शहरों में मशीनें खरीदने और मशीनीकरण की स्थिति में सुधार के लिए राज्यों को 371 करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी दी गई है। राज्यों ने 5000 से अधिक मानक सेप्टिक टैंक वाहन, 1100 से अधिक हाइड्रोवैक और 1000 से अधिक डिसिल्टिंग मशीनें होने की सूचना दी है।
रामदास अठावले ने जानकारी दी कि आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने शहरी स्थानीय निकायों को सलाह दी है कि वे अपने उपनियमों में सेप्टिक टैंकों के लिए बीआईएस 2470 मानकों को शामिल करें और भवन निर्माण की अनुमति देते समय इसे लागू करें। श्रमिकों को सुरक्षा गियर प्रदान करने, आपातकालीन निकासी के लिए हेल्पलाइन सुविधाएं प्रदान करने और आईईसी गतिविधियां शुरू करने के लिए भी सलाह जारी की। 31.07.2024 तक देश के 766 जिलों में से 732 जिलों ने खुद को मैला ढोने से मुक्त घोषित किया है।