शिमला, 01 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में बादल फटने के बाद आई बाढ़ से भारी तबाही हुई है। तीनों जिलों में करीब 52 लोग लापता हैं जबकि तीन शव बरामद कर लिए गए हैं। शिमला में 35, मंडी में नौ और कुल्लू में सात लोग लापता हैं। कुल्लू के जाओन व निरमंड में बादल फटने से श्रीखंड यात्रा का बेस कैंप प्रभावित हुआ है। प्रशासन ने बड़े पैमाने पर राहत व बचाव कार्य शुरू किया है।
सबसे ज्यादा तबाही शिमला जिला के रामपुर इलाके के झाकड़ी में हुई है। यहां सैलाब व भूस्खलन के कारण लापता हुए 36 लोगों की तलाश की जा रही है। झाकड़ी में समेज खड्ड में हाइड्रो प्रोजेक्ट के नजदीक बादल फटने से आये सैलाब के कारण लोगों को बचाने के लिए प्रशासन ने बचाव अभियान तेज़ कर दिया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस व अग्निशमन की टीमें बचाव अभियान में जुटी हैं। शिमला के उपायुक्त अमित कश्यप मौके पर मौजूद हैं और बचाव अभियान की निगरानी के रहे हैं। प्रशासन के मुताबिक बचाव दलों ने बाढ़ में फंसे दो लोगों को सुरक्षित बचा लिया है, जबकि घटनास्थल से दो लोगों के शव बरामद हुए हैं। 36 स्थानीय लोग अभी भी लापता हैं। इनमें बच्चे व महिलाएं भी शामिल हैं।
मंडी जिला के द्रंग विधानसभा क्षेत्र की थल्टू खोड में बादल फटने से भारी तबाही हुई है, जिनमें तीन परिवारों के नौ लोग लापता हैं, जबकि 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत हुई है। मंडी के डीसी अपूर्व देवगन ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पधर उपमंडल के सभी स्कूल और शिक्षण संस्थान आज बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि राहत व बचाव दलों ने एक शव बरामद किया गया है। जबकि 35 लोगों को सुरक्षित बचाया गया हैं। मंडी जिला प्रशासन ने रेस्क्यू के लिए एयरफोर्स को भी अलर्ट किया है। मदद की जरूरत होने पर सेवाएं ली जाएंगी। थलटूखोड़ पंचायत प्रधान कली राम ने बताया कि तेरंग और राजबन गांव में बादल फटने की घटना हुई है। इससे तीन घर क्षतिग्रस्त हुए।
कुल्लू की डीसी एस रवीश के मुताबिक निरमंड में बादल फटने से दो पुल ध्वस्त हुए। इनमें एक निर्माणाधीन पुल है। इसके अलावा आठ से नौ घर बह गए और सात लोग लापता हैं। राहत व बचाव दल लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद राहत व बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होम गार्ड और फायर सर्विसेज की टीमें राहत, खोज और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। स्थानीय प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्य को सुचारु रूप से करने के निर्देश दिये गए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि लगातार बारिश से प्रभावित हो रहे क्षेत्रों में मौजूद रहें और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी तुरंत उपलब्ध करवाएं।
इस बीच समेज खड्ड में बादल फटने की घटना से प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए मुख्यमंत्री सुक्खू शिमला से हेलीकॉप्टर के माध्यम से कुछ ही देर में रवाना होंगे। वह मौके पर पहुंच पर प्रभावितों से मिलेंगे और रेस्क्यू के कार्यों का निरीक्षण करेंगे। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से फोन पर बात कर राज्य में बादल फटने से हुए उत्पन्न स्थिति की जानकारी ली। गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री को राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए एनडीआरएफ की तैनाती सहित केन्द्र सरकार की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
इस बीच केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने भी प्रदेश में बादल फटने से हुई भारी क्षति पर दुख जताया है। उन्होंने सुक्खू से फोन पर नुकसान की जानकारी ली और केंद्र सरकार की तरफ से हर सम्भव पहुंचाने का आश्वासन दिया।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने मंडी, कुल्लू और शिमला जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में बादल फटने के कारण हुए जान-माल के नुकसान पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।राज्यपाल ने संबंधित जिलों के उपायुक्तों से भी फोन पर बात की है और उनसे प्रभावितों को त्वरित राहत प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लापता लोगों को ढूंढ़ने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ का दल बचाव कार्य में लगा हुआ है। राज्यपाल ने दिवंगत आत्माओं की शांति तथा उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। राज्यपाल ने लोगों से भी अपील की है कि वह नदी-नालों के समीप न जाएं।