पनामा के जहाज में लगी आग बुझाने को शारजाह से वैलिएंट रवाना, 30 जुलाई तक पहुंचेगा

– एमवी मार्सक फ्रैंकफर्ट के लिए आईसीजी का ऑपरेशन ‘सहायता’ 10वें दिन भी जारी – विशेष बचाव एजेंसी 04-05 दिन बाद ऑपरेशन को अपने हाथ में लेगी, सहायता मांगी

नई दिल्ली, 28 जुलाई (हि.स.)। गोवा के पश्चिम में लगभग 80 नॉटिकल मील पर पनामा के ध्वज वाले मालवाहक पोत एमवी मार्सक फ्रैंकफर्ट में लगी आग के लिए शुरू किया गया भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) का ऑपरेशन ‘सहायता’ रविवार को 10वें दिन भी चल रहा है। जहाज के मालिक की ओर से अनुबंधित विशेष बचाव एजेंसी ने ऑपरेशन को पूरी तरह से अपने हाथ में लेने से पहले आईसीजी से 04-05 दिन और सहायता मांगी है। आईसीजी की सहायता के लिए एक एंकर हैंडलिंग टग सप्लाई जहाज वैलिएंट शारजाह से रवाना हो चुका है, जिसके 30 जुलाई तक न्यू मंगलौर पहुंचने की संभावना है।

मुंबई स्थित भारतीय तटरक्षक क्षेत्रीय मुख्यालय (पश्चिम) से गोवा के पश्चिम में लगभग 80 नॉटिकल मील पर पनामा के ध्वज वाले मालवाहक पोत एमवी मार्सक फ्रैंकफर्ट में आग लगने की सूचना आईसीजी को मिली थी। इसी के बाद आईसीजी ने ऑपरेशन ‘सहायता’ शुरू किया था, जिसमें अब तक 05 आईसीजी जहाज, 02 एएलएच हेलीकॉप्टर और 01 डोर्नियर विमान ने कई उड़ानें भरी हैं। 1200 किलोग्राम से अधिक सूखा रासायनिक पाउडर हवाई मार्ग से घटनास्थल पर गिराया गया है। आईसीजी ने प्रगति की समीक्षा करने और संकट का जल्द समाधान खोजने के लिए डीजी शिपिंग, राज्य प्रशासन, हितधारकों, बंदरगाहों, बचाव एजेंसी, जहाज मालिकों और प्रबंधन के साथ 02 समन्वय बैठकें भी की हैं।

फिलहाल यह जहाज इस समय न्यू मंगलौर से 50 नॉटिकल मील दक्षिण पश्चिम में तट से 37 नॉटिकल मील से अधिक की दूरी पर है। जहाज का रखरखाव न्यू मंगलौर के बंदरगाह से किया जा रहा है, क्योंकि बचाव दल अग्निशमन प्रयास पूरे होने के बाद जहाज को इसी बंदरगाह पर लाया जाना है। आईसीजी जहाज को ठंडा करने और छिटपुट छोटी लपटों को बुझाने का काम कर रहे हैं जो समय-समय पर सीलबंद कंटेनरों के कारण भड़कती हैं। आईसीजी कम से कम 02 अपतटीय गश्ती जहाजों के साथ मौके पर मौजूद है, जो 24×7 अग्निशमन और ऑपरेशन समन्वय में लगे हुए हैं।

ऑपरेशन ‘सहायता’ के 10वें दिन भारतीय तटरक्षक बल अग्निशमन के साथ-साथ प्रदूषण निवारक उपाय भी कर रहा है। आईसीजी ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए विशेष पोत ‘समुद्र प्रहरी’ को तैनात किया है। आईसीजी का लक्ष्य आग के किसी भी दुष्परिणाम से समुद्री पर्यावरण की रक्षा करना है। यह विशेष पोत डायनेमिक पोजिशनिंग सिस्टम से भी सुसज्जित है, जो इसे मालवाहक जहाज से बहुत कम दूरी पर अग्निशमन कार्य करने में सक्षम बनाता है। इसके अलावा आईसीजी की विशेष प्रदूषण प्रतिक्रिया टीम तेल रिसाव की घटना होने पर स्टैंडबाय पर है। हालांकि, आईसीजी के मुताबिक़ एमवी मार्सक फ्रैंकफर्ट में लगी आग समुद्री पर्यावरण और कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों के लिए कोई जोखिम नहीं है।

जहाज के मालिक ने आग बुझाने के प्रयासों को तेज करने के लिए एक विशेष बचाव एजेंसी को अनुबंधित किया है। बचाव दल ने ऑपरेशन को पूरी तरह से अपने हाथ में लेने से पहले आईसीजी से 04-05 दिन और सहायता मांगी है। एजेंसी ने आईसीजी को सहायता देने के लिए 02 महासागरीय टग, अल्बाट्रोस 5 जुटाया है। डीजी शिपिंग के साथ अनुबंध के तहत ईटीवी वाटर लिली भी घटनास्थल पर है, जो आग बुझाने के प्रयासों में सहायता कर रहा है। इसके अलावा विशेष उपकरणों और अतिरिक्त बचावकर्मियों के साथ टग क्रिएटिव-I के आज दोपहर के आसपास संकटग्रस्त जहाज पर पहुंचने की उम्मीद है। एक अन्य एंकर हैंडलिंग टग सप्लाई जहाज वैलिएंट शारजाह से रवाना हो चुका है, जिसके 30 जुलाई तक पहुंचने की संभावना है।

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