देश की अखंडता व संस्कृति को समाप्त कर रहे टूटते रिश्ते : बजरंग बागड़ा

-विहिप की केंद्रीय प्रबंध समिति की दो दिवसीय बैठक का शुभारंभ

जोधपुर, 27 जुलाई (हि.स.)। विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय महामंत्री बजरंग बागड़ा ने शनिवार को कहा कि आज कुटुंब प्रबोधन देश की सबसे बड़ी जरूरत है क्योंकि बढ़ते तलाक, टूटते रिश्ते सिमटते परिवार और देश की अखंडता एवं संस्कृति को समाप्त कर रहे हैं।

बागड़ा ने विहिप की केंद्रीय प्रबंध समिति की माहेश्वरी जनोपयोगी भवन में आयोजित दो दिवसीय बैठक के उद्घाटन सत्र में कहा कि आक्रांताओं ने सिर्फ मंदिर ही नहीं तोड़े बल्कि आस्था के केंद्र व संस्कार को ध्वस्त करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में धर्मांतरण तेजी से बढ़ रहा है, इसे रोकना होगा। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय प्रबंध समिति की बैठक में आए अलग-अलग प्रांत के पदाधिकारियों से कहा कि ढाई हजार लोगों की घर वापसी विहिप करवाता है वहीं दूसरी तरफ इससे भी अधिक गुना में हिंदुओं को दूसरे धर्म में कन्वर्ट किया जा रहा है। इसे हमें तेजी से रोकना होगा। इसके अलावा जनसंख्या नियंत्रण, गौ रक्षा, हिंदू सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार करने सहित कई विषयों पर जानकारी दी।

गौ रक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि गाय की रक्षा गौशाला में नहीं हो सकती, बल्कि गाय की रक्षा किसान, गृहस्थ के खूंटे पर ही होगी। गाय की सेवा ठीक उसी प्रकार से करें जिस प्रकार से हम अपने बूढ़े माता-पिता की सेवा करते हैं। दूध के लालच में गाय की सेवा नहीं करें। मंदिर को लेकर कहा कि प्राचीन समय में मंदिर पूजा-पाठ के ही स्थान नहीं थे। ये हमारी आध्यात्मिक, सांस्कृतिक चेतना के केंद्र थे। पिछले एक हजार वर्षों से विधर्मियों ने हमारे मंदिरों को सिर्फ विध्वंस ही नहीं किया, उन्होंने हमारे चरित्र का हमारे आध्यात्मिक मूल्यों का, विकास का, परंपराओं का, समाज की आत्मा विध्वंस किया। इसलिए मंदिरों का आध्यात्मिक वैभव वापस प्राप्त हो इसके लिए इस पर चर्चा की जाएगी।

बैठक में देशभर के 47 प्रांतों और 14 देशों से 400 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। बैठक में विभिन्न ज्वलंत विषयों पर चर्चा जारी है। बैठक में धर्मातरण पर रोक, मंदिरों की सरकारी नियंत्रण से मुक्ति, जनसंख्या असंतुलन, स्वरोजगार, स्वावलंबन, सेवा, समरसता, गौरक्षा, शरणार्थी हिंदुओं को नागरिकता की प्रगति की समीक्षा तथा कुम्भ की तैयारियों के साथ महिला सशक्तीकरण, कुटुंब प्रबोधन व हिन्दू जीवन मूल्यों पर निरंतर होते आघातों के विषय में चर्चा की जा रही है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को विहिप की स्थापना को 60 वर्ष पूरे हो रहे हैं।

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