नई दिल्ली, 26 जुलाई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली में हैं और वे शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगी। इससे पहले ममता बनर्जी ने आज एक बार फिर अपनी पुरानी मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि नीति आयोग को खत्म कर दोबारा योजना आयोग को लाना चाहिए।
मुख्यमंत्री बनर्जी ने शुक्रवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत में यह पुष्टि कि वह 27 जुलाई को दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेंगी। दिल्ली पहुंचने पर उन्होंने नीति आयोग को समाप्त करने और योजना आयोग को वापस लाने की मांग करते हुए कई तीखी टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा कि योजना आयोग नेताजी बोस का विचार था।
ममता ने कहा कि केंद्र सरकार एक तरफ सहयोगी संघवाद की बात करती है लेकिन दूसरी ओर वे कार्य इसके विरोध में करती है। विपक्ष शासित सभी राज्यों को बजट में कुछ नहीं मिला है। भाजपा के सहयोगी दलों को विशेष पैकेज दिया गया है।
कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया है। कांग्रेस शासित तीन राज्यों हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के मुख्यमंत्री 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे। वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भी बैठक में नहीं शामिल होने की खबरें आ रही हैं।
भाजपा के पश्चिम बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि ममता नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली में हैं क्योंकि वह कोलकाता और उसके आसपास बढ़ती बिजली दरों के खिलाफ पश्चिम बंगाल भाजपा द्वारा शुरू किए गए विरोध की आंच को सहन नहीं कर सकीं, जहां सभी बड़े महानगरों में सबसे महंगी बिजली है।