नई दिल्ली, 24 जुलाई (हि.स.)। कांग्रेस सहित विपक्ष की पार्टियों के मुख्यमंत्रियों के नीति आयोग की बैठक के बहिष्कार करने के फैसले की भारतीय जनता पार्टी और केन्द्र सरकार के मंत्रियों ने आलोचना की। केन्द्रीय मंत्रियों का कहना है कि विपक्ष लोकतंत्र की बात करता है, लेकिन लोकतांत्रिक संस्थाओं पर विश्वास नहीं रखता।
केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कांग्रेस के बहकावे में आकर विपक्षी दल देश के लोकतांत्रिक और राजनीतिक ढांचे को पूरी तरह से ध्वस्त करने में लगे हुए हैं। इन्होंने यह पहली बार नहीं किया। इससे पहले भी विभिन्न विषयों पर आयोजित राष्ट्रीय स्तर की बैठकों का विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया था। इसका कारण प्रधानमंत्री मोदी के प्रति व्यक्तिगत नफरत है। यह केवल लोकतंत्र और संविधान की बात करते हैं, लेकिन लोकतांत्रिक संस्थाओं पर विश्वास नहीं रखते।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस शासित तीन राज्यों हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के मुख्यमंत्री 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे। वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भी बैठक में नहीं शामिल होने की खबरें आ रही हैं।
केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने विपक्ष के मुख्यमंत्रियों के नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहाकि पिछली बार भी 8 विपक्ष की पार्टियों के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। ऐसा ही उन्होंने इससे पहले भी किया था।