एमवी मैरस्क फ्रैंकफर्ट में लगी आग बुझाने के लिए हांगकांग से पहुंचा पहला जहाज

– बचाव अभियान चलाने के लिए दूसरा जहाज 28 जुलाई तक पहुंचने की उम्मीद- आईसीजी ने चुनौतीपूर्ण मौसम के बावजूद छठे दिन भी अभियान जारी रखा

नई दिल्ली, 24 जुलाई (हि.स.)। अरब सागर में पनामा के मालवाहक जहाज एमवी मैरस्क फ्रैंकफर्ट में लगी आग को पूरी तरह बुझाने के लिए भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति के बावजूद लगातार छठे दिन भी अभियान चला रखा है। जहाज का प्रबंधन संभालने वाली हांगकांग की कंपनी ने संकटग्रस्त जहाज पर बचाव अभियान चलाने के लिए दो जहाज भेजे हैं, जिसमें एक जहाज बुधवार सुबह मौके पर पहुंचा। दूसरा जहाज 28 जुलाई तक पहुंचने की उम्मीद है।

गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से श्रीलंका के कोलंबो जा रहे जहाज एमवी मैरस्क फ्रैंकफर्ट में 19 जुलाई को गोवा से लगभग 102 समुद्री मील दक्षिण-पश्चिम में आग लग गई थी। तभी से आईसीजी ने अभियान चलाकर पनामा के इस जहाज की आग पर काफी हद तक काबू पा लिया है। चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति के बावजूद लगातार आग बुझाने के क्रम में आईसीजी ने बुधवार को छठे दिन आईसीजी के एक उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) ने 200 किलोग्राम सूखे रासायनिक पाउडर को सीधे जहाज पर गिराया है।

जहाज पर आग लगने के बाद चालक दल के एक फिलिपिनो सदस्य की मौत होने के बाद आईसीजी ने चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ समुद्री प्रदूषण को रोकने के उपाय किये हैं। जहाज पर लदे कंटेनरों के अंदर सामग्री के कारण बार-बार छोटी-मोटी आग के साथ सफेद धुआं दिखाई दे रहा है। जहाज के मालिकों ने भी आग बुझाने के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए हांगकांग की कंपनी मेसर्स बर्नहार्ड शुल्टे शिप मैनेजमेंट लिमिटेड ने मेसर्स एसएमआईटी साल्वर्स को अनुबंधित किया है। साल्वर्स ने अपने अनुबंध के तहत विदेश से दो एंकर हैंडलिंग टग सप्लाई (एएचटीएस) भेजे हैं, जिनके आने तक आग की लपटों से निपटने के लिए आईसीजी से मदद जारी रखने का अनुरोध किया है।

भारतीय तटरक्षक बल के प्रवक्ता कमांडेंट अमित उनियाल ने बताया कि हांगकांग की कंपनी का पहला जहाज 23 जुलाई को सुबह मौके पर पहुंच गया और उसके बाद दूसरा जहाज 28 जुलाई तक पहुंचने की उम्मीद है। कंटेनर जहाजों पर आग बुझाना वैश्विक समुद्री समुदाय के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों में से एक रहा है। चूंकि, कंटेनरों के अंदर की आग को पूरी तरह से बुझाने के लिए करीबी हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है, इसलिए भारतीय तटरक्षक बल के प्रयासों को बनाए रखने के लिए एमवी मैरस्क फ्रैंकफर्ट पर सवार बचाव दल की भूमिका महत्वपूर्ण है।

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