नई दिल्ली, 24 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स (एआर) में कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) और राइफलमैन के पदों पर भर्ती में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत रिक्तियां आरक्षित करने का निर्णय लिया है।
यह जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, ऊपरी आयु सीमा में रियायत और व्यक्तिगत शारीरिक दक्षता परीक्षा (आईपीपीटी) से छूट देने का प्रावधान किया गया है।
गृह राज्य मंत्री ने सीएपीएफ और एआर में रिक्तियों के संबंध में कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स (एआर) में 01 जुलाई 2024 तक कुल स्वीकृत पदों की संख्या 10,45,751 के मुकाबले 84,106 है। रिक्तियों को भरना एक सतत प्रक्रिया है। मंत्रालय यूपीएससी, एसएससी और संबंधित बलों के माध्यम से रिक्तियों को तेजी से भरने के लिए गंभीर कदम उठा रहा है और उठाता रहेगा। उन्होंने कहा कि यह भी उल्लेखनीय है कि अप्रैल, 2023 से फरवरी, 2024 के बीच 67,345 उम्मीदवारों की भर्ती की गई है। इसके अलावा, 64,091 रिक्तियों को अधिसूचित किया गया है और वे भर्ती के विभिन्न चरणों में हैं। उपरोक्त से यह स्पष्ट है कि सुरक्षा बलों के आकार की तुलना में नगण्य प्रभावी रिक्तियों के साथ, ओवरटाइम का सवाल ही नहीं उठता है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने सीएपीएफ और एआर में रिक्तियों को शीघ्रता से भरने के लिए अन्य बातों के साथ-साथ कई कदम उठाए हैं। जैसे कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) के पद के लिए वार्षिक भर्ती के लिए कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। सामान्य ड्यूटी पदों पर भर्ती के समन्वय के लिए, कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी), उप-निरीक्षक (जीडी) और सहायक कमांडेंट (जनरल ड्यूटी) के पदों पर भर्ती के लिए एक नोडल बल को दीर्घकालिक आधार पर नामित किया गया है। सभी केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स को गैर-सामान्य ड्यूटी संवर्गों में रिक्त पदों पर समयबद्ध तरीके से भर्ती करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
पदोन्नति रिक्तियों को भरने के लिए विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठकों का समय पर आयोजन किया जा रहा है। भर्ती में तेजी लाने के लिए मेडिकल जांच में लगने वाले समय को कम कर दिया गया है। कांस्टेबल/जीडी के लिए अभ्यर्थियों की शॉर्टलिस्टिंग के लिए कट ऑफ मार्क कम कर दिए गए हैं, ताकि पर्याप्त अभ्यर्थी मिल सकें (विशेषकर उन श्रेणियों में जहां अभ्यर्थियों की कमी देखी गई है)।