देश के आर्थिक सर्वेक्षण 2023 में मध्य प्रदेश के नवाचारी प्रयासों का उल्लेख

– इंदौर के बायो सीएनजी प्लांट, केन-बेतवा, परिवर्तित पार्बती कालीसिंध चंबल लिंक परियोजनाओं की चर्चा

भोपाल, 22 जुलाई (हि.स.)। विकास लक्ष्य हासिल करने में मध्य प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसकी झलक सोमवार को देश की संसद में भी देखने को मिली है। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को संसद में प्रस्तुत देश के आर्थिक सर्वेक्षण 2023 में मध्यप्रदेश में सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र के नवाचारी प्रयासों का विशेष उल्लेख किया गया है।

आर्थिक सर्वेक्षण में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत इंदौर के 500 टन प्रतिदिन उत्पादन क्षमता वाले बायोफ्यूल प्लांट का उल्लेख केस स्टडी के रूप में किया गया है। इसे 2021 में इंदौर नगर निगम द्वारा स्थापित किया गया था। यह प्लांट आकल्पन-निर्माण-वित्त संचालन और हस्तांतरण के माडल पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर संचालित है। प्लांट करीब 44 से 45 हजार क्यूबिक मीटट बायो गैस प्रतिदिन बनाता है, जिससे करीब 17 हजार किलो बायो-सीएनजी प्रतिदिन बनती है। इस प्लांट से सालाना एक लाख तीस हजार टन कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जन को रोकने में मदद मिली है। इंदौर के बायो-सीएनजी प्लांट की प्रसंस्करण क्षमता 400 मीट्रिक टन प्रतिदिन है। इससे जैविक कचरे का प्रसंस्करण होता है, जिससे प्रतिदिन 14.8 मीट्रिक टन बायो-सीएनजी और 80 मीट्रिक टन फरमेंटेड जैविक खाद बनती है।

इसके अलावा आर्थिक सर्वेक्षण में नदी जोड़ो परियोजना के अंतर्गत लिंक परियोजना का उल्लेख है, जिसमें केन-बेतवा लिंक परियोजना, परिवर्तित-पार्बती-कालीसिंध चंबल लिंक परियोजना का उल्लेख किया गया है। केन- बेतवा लिंक परियोजना नेशनल पर्सपेक्टिव प्लान के अंतर्गत पहली परियोजना है जिसका अनुमोदन 2021 में किया गया था। इसके लिए केन्द्र सरकार की ओर से 39,317 करोड रुपये का सहयोग मिला है। इसे मध्य प्रदेश द्वारा उत्तर प्रदेश और केन्द्र सरकार के परस्पर सहयोग से क्रियान्वित किया जायेगा।

सर्वेक्षण में नीति आयोग के सस्टेनेबल डेवेलपमेंट गोल के इंडेक्स 2023-24 का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि जो दस नये राज्य सस्टेनेबल डेवेलपमेंट गोल हासिल करने में आगे रहे हैं, उनमें मध्य प्रदेश शामिल है। वर्ष 2018 से 2023-24 के बीच मध्य प्रदेश 15 अंकों के साथ सर्वाधिक तेजी से आगे बढ़ते राज्यों शामिल है। सर्वेक्षण में किसान हितैषी नीति के फ्रेमवर्क का उल्लेख करते हुए मध्य प्रदेश की भावांतर भुगतान योजना की चर्चा की गई है। टीचिंग-लर्निंग और परिणाम को सुदृढ़ बनाने में मध्य प्रदेश ने सभी छह मापदंड पूरे किये हैं।

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