रांची, 20 जुलाई (हि.स.)। असम के मुख्यमंत्री और आगामी विधानसभा चुनाव में झारखंड भाजपा के सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से पूरे दमखम से चुनावी तैयारियों में लगने को कहा। उन्हाेंने कहा कि इस बार चुनाव नहीं जीतने पर झारखंड पर बहुत जुल्म होगा। यहां और भी ज्यादा फिलिस्तीनी झंडे लहराते दिखेंगे। जय श्रीराम बोलने नहीं दिया जाएगा। हिमंत ने झारखंड को देश का सबसे भ्रष्ट राज्य बताते कहा कि यहां के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आदिवासियों से कोई प्रेम नहीं, केवल अपने लिए कुर्सी से प्रेम है। आदिवासी प्रेम होता तो वे वरिष्ठ नेता चंपाई को मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाते। हिमंत बिस्वा सरमा शनिवार काे जगन्नाथ मैदान, धुर्वा में प्रदेश भाजपा की विस्तृत कार्यसमिति सम्मेलन में बाेल रहे थे।
उन्हाेंने आज राज्य में सरकार के संरक्षण में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव, घुसपैठियों के मनोबल पर हेमंत सरकार पर निशाना साधा और कहा कि राज्य में घुसपैठिए आतंक मचा रहे हैं। राज्य में मुहर्रम के जुलूस में फिलिस्तीन के झंडे लहराए जा रहे हैं। रामनवमी के जुलूस के लिए अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्हाेंने कहा कि बीते मुहर्रम में 12 जगह प्रदेश में तनाव हुए लेकिन हिंदुओं के आग्रह के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। घुसपैठिए आदिवासी बहन बेटियों के साथ शादी का ढोंग करके जमीन हड़प रहे हैं। राज्य में अप्रत्याशित मतदाताओं की वृद्धि एक गंभीर समस्या हो गई है और यह सब राज्य सरकार के संरक्षण में हो रहा। उन्होंने चेतावनी देते हुए ऐसे अराजक तत्वों को कहा कि तीन महीने जितना फिलिस्तीन का झंडा उठाना है उठा लो, जितना हिंदुओ को गाली देना है दे लो ,आगामी तीन महीने बाद झारखंड की भाजपा सरकार पाई-पाई का हिसाब करेगी।
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने सहायक पुलिस कर्मियों को नौकरी तो नहीं ही दी, उन्हें चुनाव में ड्यूटी पर लगाकर पोस्टल बैलेट वोट से वंचित किया। उनके संवैधानिक अधिकार की हत्या की। संविधान और आरक्षण की बात करने वाली सरकार ने चौकीदार की नियुक्ति में एससी समाज का आरक्षण खत्म कर दिया। बांग्लादेशी घुसपैठियों के वोट से ज्यादा दिन तक राज नहीं किया जा सकता। झारखंड का आगामी चुनाव विधायक बनाने के लिए नहीं बल्कि राज्य को बर्बादी से बचाने का चुनाव है। राज्य में परिवर्तन जरूरी है।