ढाका, 18 जुलाई (हि.स.) बांग्लादेश में छात्रों का आरक्षण के विरोध में शुरू आंदोलन उग्र हो गया है। देशव्यापी बंद का आज दूसरा दिन है। पहले दिन अपराह्न तीन बजे के बाद आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई है। ढाका में हिंसा और आगजनी को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इस दौरान एक आंदोलनकारी की मौत हो जाने से विद्यार्थियों का गुस्सा भड़क गया। इसके विरोध में छात्रों ने कई जगह आगजनी की। सुरक्षा एजेंसियों को टकराव बढ़ने की आशंका है।
ढाका ट्रिब्यून और द डेली स्टार समाचार पत्र के अनुसार, आंदोलन ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। पुलिस अधिकारी आंदोलन से निपटने की रणनीति बनाने का दावा तो कर रहे हैं पर उसका विवरण देने से बच रहे हैं। पुलिस ने कहा है कि आंदोलनकारियों के सड़कों पर उतरकर जनता को परेशान करने पर नरमी नहीं बरती जाएगी। पुलिस मुख्यालय ने कानून का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने का आह्वान किया है।.
ढाका के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक इनामुल हक सागर ने कहा है कि किसी भी मांग के नाम पर अराजक स्थिति पैदा करना, कानून-व्यवस्था को खराब करना, सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालना और संपत्ति को नुकसान पहुंचाना स्वीकार्य नहीं है। अगर आज सड़कें अवरुद्ध की जाती हैं तो सख्ती से निपटा जाएगा। सभी संवेदनशील इलाकों, विश्वविद्यालयों के आसपास अतिरिक्त पुलिस तैनात किया गया है। ढाका विश्वविद्यालय के आसपास बख्तरबंद कर्मचारियों को पानी की बौछार करने वाली मशीनों को तैनात किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी के सभी विश्वविद्यालयों के छात्रावासों को खाली करा लिया गया है। आंदोलनकारियों को राजधानी के स्कूलों और कॉलेजों में घुसने से रोकने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की गुप्तचर शाखा के प्रमुख हारुनोर रशीद ने कल दोपहर ढाका विश्वविद्यालय परिसर में पत्रकारों से कहा कि छात्र आरक्षण आंदोलन को राजनीतिक दलों का समर्थन मिलने से हालात बिगड़े हैं।
बताया गया है कि बुधवार शाम सात बजे तक ढाका विश्वविद्यालय के सभी छात्रावास खाली करा लिए गए। आधीरात अचानक छात्रों का एक समूह ढाका विश्वविद्यालय क्षेत्र की तरफ बढ़ने लगा। यह देखकर पुलिस ने चेताया तो जतराबारी-शोनिर अखरा क्षेत्र में आग लगा दी गई। यहां हुई झड़प में दर्जनों लोग घायल हो गए और एक आंदोलनकारी की मौत हो गई।