कर्नाटक सरकार 100 फीसदी स्थानीय आरक्षण देकर बिहार के युवाओं को कर रही टारगेट: ऋतुराज सिन्हा

पटना, 17 जुलाई (हि.स.)। भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने निजी क्षेत्र के ग्रुप “सी” और “डी” में 100 फीसदी स्थानीय आरक्षण देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस हमेशा से ही बिहार के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करता है। उन्हाेंने कहा कि बिहार एक टैलेंट सप्लायर राज्य है और कर्नाटक जैसे राज्य टैलेंट शॉर्टेज राज्य है, जहां पर वोट बैंक की राजनीति को देखते हुए प्रस्ताव पारित कर दिया कि प्राइवेट सेक्टर में भी हम 100 फीसदी स्थानीय आरक्षण करेंगे।

ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि ये इस तरह के कार्य सीधे-सीधे आम बिहारी युवाओं को टारगेट करने के लिए किया जा रहा है और यह सिर्फ बिहारी मजदूर, सफाई कर्मचारी, ड्राइवर की बात नहीं है। आज बेंगलुरु शहर में लाखों आईटी सेक्टर के कर्मचारी बिहार से जाते हैं। इसलिए इस तरह की घोषणा न सिर्फ गलत है बल्कि असंवैधानिक भी है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1(1) में कहा गया है, “भारत, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा।“ यहां राज्य के आधार पर विभाजन करना न केवल अनैतिक है बल्कि असंवैधानिक भी है। इस तरह के प्रयास पहले भी महाराष्ट्र, झारखंड एवं अन्य राज्यों ने किया था, परंतु सर्वोच्च न्यायलय ने एक केस में उसको अवैध भी घोषित किया था।

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार काे आज इसके खिलाफ आवाज बुलंद करने की जरूरत है। बिहार के युवा लाखों लाख रुपया देकर बेंगलुरु और कर्नाटक के इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन लेकर वहां पढ़ने के लिए जाते हैं। वहां जब कोई विद्यार्थी जाता है, तो वहां पढने, रहने और अन्य चीजों पर हजारों-लाखों रुपया खर्च करता है।

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