कैलाश मानसरोवर को चीनी नियंत्रण से मुक्त कर भारत में मिलाया जाएः इंद्रेश कुमार

नई दिल्ली, 17 जुलाई (हि.स.)। विश्व भर में प्रवासी भारतीय अपने कार्य और व्यवहार से एक प्रतिष्ठित पहचान बनाए हुए हैं। आवश्यकता है कि उन्हें स्वर्गीय बालेश्वर अग्रवाल के सिद्धांतों और कार्यक्रमों के अनुसार पुनः सूत्रबद्ध करने की, ताकि वे भारत को और अधिक समर्थ और समृद्ध बनाने में योगदान दे सकेंI इसके साथ हिंदुओं के पवित्रतम तीर्थ कैलाश मानसरोवर को चीन के नियंत्रण से मुक्त करने और उसे भारत में समाहित करने के लिए एक वैश्विक पहल की भी आवश्यकता है। जिसे अविलंब प्रारंभ करना चाहिएI इस पहल को विश्व भर में फैले प्रवासी भारतीय एक मजबूत आयाम दे सकते हैंI यशस्वी संपादक और विश्व भर में फैले भारतीय समाज को एकजुट करने का प्रकल्प प्रारंभ करने वाले स्वर्गीय बालेश्वर अग्रवाल के 103वें जन्मदिवस पर आयोजित एक समारोह में वक्ताओं ने यह विचार व्यक्त किए। समारोह का आयोजन बालेश्वर अग्रवाल ग्लोबल फाउंडेशन ने किया थाI बालेश्वर अग्रवाल हिंदुस्तान समाचार के भी यशस्वी संपादक और महाप्रबंधक रहे हैं।

नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के समवेत सभागार में आयोजित समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार, पूर्व सांसद आर.के. सिन्हा, कला केंद्र के अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय, वरिष्ठ पत्रकार राममोहन पाठक और नेपाल के प्रतिनिधि प्रेम लश्करी ने लगभग इसी भाव और विचार को सामूहिक स्वर में कहाI इंद्रेश कुमार बहुत पहले से कैलाश मानसरोवर को मुक्त कर भारत में मिलने की वकालत करते रहे हैंI उन्होंने कहा कि यदि विश्व भर में फैला हिंदू समाज इसके लिए आवाज उठाएगा तो निश्चित तौर पर इससे चीन पर दबाव बढ़ेगाI

वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय और राम मोहन पाठक ने स्वर्गीय बालेश्वर अग्रवाल के पत्रकारिता और उसके सिद्धांतों के लिए जीवन समर्पित करने पर प्रकाश डालाI उन्होंने कहा कि पत्रकारिता तपस्या का क्षेत्र है और बालेश्वर अग्रवाल एक तपस्वी पत्रकार थेI हम उनके आदर्शों और सिद्धांतों का पालन कर समाज जीवन में अपने कर्तव्य को निभाएं I यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगीI

पूर्व सांसद आर.के. सिन्हा एवं प्रेम लश्करी ने स्वर्गीय बालेश्वर अग्रवाल के साथ रहने के दौरान कुछ अनुभूत प्रसंग को प्रस्तुत किया और बताया कि वह कितने विराट व्यक्तित्व के स्वामी थे I वह देखने में कठोर परंतु भीतर से बहुत सहज और सरल थेI

उल्लेखनीय है कि प्रवासी भारतीयों के लिए स्वर्गीय बालेश्वर अग्रवाल द्वारा किए गए कार्यों को और संगठित तरीके से मजबूत बनाने के लिए उनकी नातिन सुषमा अग्रवाल की पहल पर बालेश्वर अग्रवाल ग्लोबल फाउंडेशन की स्थापना हुई है, जो इसकी संस्थापक अध्यक्ष हैं। फाउंडेशन के कार्यकारी अध्यक्ष भरत नागर होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *