भारत में नेपाल के राजदूत को फिलहाल दिल्ली में ही रहने का आदेश

-प्रचण्ड सरकार के बर्खास्तगी के फैसले पर ओली ने लगाई रोक

काठमांडू, 17 जुलाई (हि.स.)। भारत में नेपाल के राजदूत के कार्यकाल को कुछ दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है। नेपाल में सत्ता समीकरण बदलने पर पिछली सरकार ने भारत समेत 11 देशों के राजदूतों को पद से बर्खास्त कर दिया था।

नेपाल सरकार ने भारत में रहे अपने राजदूत डा शंकर शर्मा की बर्खास्तगी के फैसले पर रोक लगा दी है। नेपाल की पिछली प्रचण्ड सरकार ने उन्हें पद से हटाते हुए दूसरे राजदूत की नियुक्ति कर दी थी। इस बीच देश में सत्ता समीकरण बदलने के साथ ही ओली सरकार ने दिल्ली में अपने राजदूत को अगले आदेश तक वहीं रहने को कहा है। नेपाल की विदेश मंत्री डा आरजू राणा देउवा के प्रस्ताव के बाद कैबिनेट बैठक में नए राजदूत की नियुक्ति के फैसले को वापस लेने और पुराने राजदूत डा शर्मा को तुरंत प्रभाव से दिल्ली में ही बने रहने का आदेश दिया गया है।

दिल्ली से वापसी की तैयारी कर रहे राजदूत डा शर्मा ने बताया कि उन्हें विदेश मंत्रालय की तरफ से अगले आदेश तक अपने पद पर बने रहने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि उनकी विदाई की पूरी तैयारी हो चुकी थी और उनका सामान भी वापस काठमांडू भेजने के लिए बुक कर दिया गया था लेकिन अचानक नए फैसले के बाद अब उनको कुछ दिन और दिल्ली में ही रहना पड़ सकता है।

नेपाल की पिछली प्रचण्ड सरकार ने नेपाली कांग्रेस के साथ गठबन्धन टूटने के बाद उनके कोटे में रहे भारत, अमेरिका, यूके, कनाडा सहित 11 देशों के राजदूतों को पद से हटाने का फैसला किया था। इतना ही इन सभी देशों में नए राजदूत की नियुक्ति भी कर दी गई थी। भारत के लिए नए राजदूत के तौर पर पूर्व मुख्य सचिव लोकदर्शन रेग्मी को नियुक्त कर दिया गया था। गठबन्धन बदलने और ओली के प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रचण्ड सरकार के कई फैसलों को बदला गया है, जिनमें पुराने राजदूतों की बर्खास्तगी और नए राजदूतों की नियुक्ति भी शामिल है।

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