– मुख्यमंत्री ने उर्जा मंत्री से विभिन्न प्रस्तावों के अनुमोदन की मांग, केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन
देहरादून, 15 जुलाई (हि.स.)। केन्द्रीय उर्जा मंत्री ने राज्य की ऊर्जा जरूरतों और इस क्षेत्र में सुधार से संबंधित प्रस्तावों के साथ शहरी विकास से संबंधित प्रस्तावों को केन्द्र सरकार को प्रेषित करने के निर्देश दिए।
सोमवार की शाम मुख्यमंत्री आवास में केन्द्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित हुई। इस दौरान राज्य की ऊर्जा एवं नगर विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक में भारत सरकार के ऊर्जा एवं नगर विकास के उच्चाधिकारियों के साथ मुख्य सचिव सहित राज्य के संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री को प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों से अवगत कराते हुए कहा कि 2123 मेगावॉट क्षमता की अलकनंदा एवं भागीरथी और उनकी सहायक नदियों पर विशेषज्ञ समिति की ओर से 21 जल विद्युत परियोजनाओं पर संस्तुति प्रदान की गई है। जिसमें 771 मेगावॉट की 11 परियोजनाओं पर किसी भी संस्था की ओर से कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है और कुल 1352 मेगावॉट क्षमता की 10 जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए विशेषज्ञ समिति-2 द्वारा संस्तुति प्रदान की गई इस परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सकारात्मक निर्णय लिये जाने के साथ अनुमोदन प्रदान किये जाने की अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से यह भी अपेक्षा की कि राज्य की वर्तमान और दीर्घकालिक बेस लोड विद्युत आवश्यकताओं की आपूर्ति को सुनिश्चित किये जाने के दृष्टिगत 1320 मे.वा. क्षमता के कोल आधारित विद्युत परियोजना के निर्माण के लिए कोल लिंकेज का त्वरित आवंटन किया जाना भी राज्य हित में होगा। साथ ही कोल आधारित परियोजनाओं से राज्य की बेस लोड विद्युत आवश्यकताओं की आपूर्ति के लिए 600 मेगावॉट का अतिरिक्त आवंटन करने की भी बात केन्द्रीय मंत्री के समक्ष रखी।
मुख्यमंत्री ने राज्य में प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त हुई विद्युत संरचनाओं के मुआवजे के लिए प्रचलित मापदण्डों के स्थान पर विद्युत संरचनाओं के पुर्ननिर्माण में हुए वास्तविक व्यय की प्रतिपूर्ति का अनुरोध किया। केन्द्रीय मंत्री की ओर से राज्य हित से जुडे विषयों पर त्वरित कार्यवाही का भी आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया।
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में ऊर्जा और जल शक्ति मंत्रालयों की होगी बैठक: मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जल विद्युत उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत ही उपयोग किया जा रहा है। राज्य को कुल चिन्हित 45 जल विद्युत परियोजनाओं में से पर्यावरण के दृष्टिगत 24 परियोजनाएं छोड दी गई है। जबकि 21 परियोजनाओं के लिये समिति की ओर से संस्तुति दी जा चुकी है। केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि इस संबंध में शीघ्र ही दिल्ली में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में ऊर्जा एवं जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जायेगी।
उत्तर पूर्वी राज्यों की तरह उत्तराखंड को भी जल विद्युत परियोजनाओं के लिए केन्द्रीय वित्तीय सहायता की मांग: मुख्यमंत्री ने राज्य को जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए केन्द्रीय वित्तीय सहायता राज्य में विद्युत की कमी होने और शेष विद्युत क्षमता के त्वरित गति से विकास के लिए विद्युत मंत्रालय की ओर से जारी ड्राफ्ट जल विद्युत नीति के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य को भी उत्तर पूर्वी राज्यों की तरह जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए केन्द्रीय वित्तीय सहायता की मांग की।
इससे पूर्व मुख्य सचिव राधा रतूडी एवं अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन के साथ शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार के अपर सचिव डी.तारा, एस.पी.सिंह तथा संयुक्त सचिव ऊर्जा मंत्रालय शशांक मिश्रा एवं अफजाल, सचिव ऊर्जा आर.मीनाक्षी.सुन्दरम, सचिव चन्द्रेश यादव, अपर सचिव नितिन भदौरिया के साथ हुई बैठक में भी राज्य से संबंधित योजनाओं पर आपसी चर्चा की गई।