-शुक्रवार को विश्वास का मत लेने की तैयारी
काठमांडू, 11 जुलाई (हि.स.)। नेपाल में आमचुनाव के बाद दो बड़े राजनीतिक दलों के बीच दूरी बढ़ा कर खुद प्रधानमंत्री बने पुष्पकमल दाहाल को पहली बार पूरे सदन का समर्थन मिला था। शुक्रवार को उनकी विदाई से पहले उनके पक्ष में एक चौथाई से भी कम सांसदों का समर्थन रह गया है।
32 सीटों के साथ तीसरी बड़ी पार्टी के नेता प्रचण्ड की प्रधानमंत्री के रूप में शुक्रवार को विदाई तय है। पहली बार प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद जब उन्होंने विश्वास मत हासिल किया था तो उन्हें 275 सदस्यों वाले सदन में 273 सांसदों का समर्थन मिला था। अब जबकि उनकी सरकार अल्पमत में आ गई है और शुक्रवार को वो अपना विश्वास का मत लेने जा रहे हैं तो उनके पक्ष में महज 63 सांसदों का समर्थन रह गया है।
नेपाली राजनीति में हमेशा ही उथलपुथल लाने का दावा करने वाले प्रचण्ड खुद ही इस उथलपुथल के शिकार हो गए हैं। 32 सीटों के साथ कभी सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के 89 सांसदों के साथ मिल कर सरकार चलाया तो कभी अचानक रातों रात पलटी मार कर 78 सांसदों के साथ दूसरी बड़ी पार्टी रहे नेकपा एमाले के साथ सरकार चलाई।
प्रचण्ड खुलेआम यह बात कहते थे कि उनके पास 32 का जादुई नम्बर है जो कभी इधर तो कभी उधर करता रहेगा। प्रचण्ड ने कई बार दावा किया कि गठबन्धन बदलता रहेगा पर प्रधानमंत्री वो ही रहेंगे और पूरे पांच साल तक रहेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। उनके बड़बोलेपन से आजिज आकर देश की दोनों सबसे बड़ी पार्टियां विपरीत विचारधारा की होने के बावजूद एक हुईं और जल्द ही प्रचण्ड को अपदस्थ कर दो तिहाई की बहुमत वाली सरकार बनाने जा रही हैं।
अब तक प्रचण्ड के साथ रहे नेकपा एमाले के अलावा जनता समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी, जनमत पार्टी, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, नागरिक उनमुक्ति पार्टी और राष्ट्रीय जनमोर्चा सबने साथ छोड़ दिया। प्रमुख प्रतिपक्षी दल नेपाली कांग्रेस के अलावा इन सभी दलों ने शुक्रवार को होने वाले विश्वास मत के खिलाफ मतदान करने का फैसला कर लिया है।
प्रचण्ड के पक्ष में अब तक माओवादी के 32, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 21 और एकीकृत समाजवादी के 10 सांसदों का समर्थन ही दिख रहा है। हालांकि राजनीतिक गलियारों में यह भी अफवाह है कि कल विश्वास मत के दौरान एकीकृत समाजवादी पार्टी के 10 में से 5 सांसद फ्लोर क्रॉस कर सकते हैं। इस दल के दो प्रमुख सांसदों प्रेम आले और किसान श्रेष्ठ ने प्रचण्ड सरकार के विरोध में मतदान करने का ऐलान कर दिया है।
2024-07-11