ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर की फिजीबिल्टी जांचेगा एचआरआईडीसी

उत्तर प्रदेश से होते हुए पलवल को सोनीपत से जोड़ेगा 135 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के समानांतर बनेग ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोरा चंडीगढ़, 11 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा रेल अवसंरचना विकास निगम (एचआरआईडीसी) ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (ईओआरसी) परियोजना की व्यवहार्यता का अध्ययन करेगा। यह प्रस्तावित 135 किलोमीटर लंबे ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के समानांतर चलेगा, जो हरियाणा के पलवल को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, नोएडा और बागपत से होते हुए सोनीपत से जोड़ेगा।
यह जानकारी हरियाणा के मुख्य सचिव एवं एचआरआईडीसी के अध्यक्ष टीवीएस एन प्रसाद ने निगम के निदेशक मंडल की 28वीं बैठक में दी है।उन्हाेंने बताया कि प्रस्तावित इस परियोजना का कॉरिडोर का 90 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में, जबकि शेष 45 किलोमीटर हरियाणा में पड़ेगा। निगम को परियोजना का व्यवहार्यता अध्ययन करने का कार्य उत्तर प्रदेश सरकार ने सौंपा है।
एचआरआईडीसी की कार्यान्वित की जा रही विभिन्न रेल परियोजनाओं का विवरण देते हुए निगम के प्रबंध निदेशक राजेश अग्रवाल ने कहा कि नरवाना और उकलाना (लगभग 27 किलोमीटर) के बीच एक नई रेल लाइन और कुरुक्षेत्र (लगभग 10 किलोमीटर) में एक नई कॉर्ड लाइन के निर्माण के लिए व्यवहार्यता अध्ययन किया जा रहा है। इसके अलावा, रेलवे बोर्ड ने करनाल-यमुनानगर नई रेल लाइन के लिए अंतिम स्थान सर्वेक्षण को मंजूरी दे दी है। निगम रेल मंत्रालय से शीघ्र मंजूरी प्राप्त करने के लिए काम कर रहा है।
उन्होंने बताया कि रेलवे बोर्ड ने फरुखनगर-झज्जर नई लाइन के लिए अंतिम स्थान सर्वेक्षण को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य इंदिरा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दिल्ली और महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट, हिसार के बीच रेल संपर्क में सुधार करना है। उन्होंने कहा कि एचआरआईडीसी ने कैथल रेलवे स्टेशन सहित कैथल रेलवे ट्रैक को एलिवेट करने के लिए व्यवहार्यता अध्ययन किया जा रहा है, ताकि पहले से नियोजित तीन लेवल क्रॉसिंग को खत्म किया जा सके।

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