राहुल गांधी ने संसद की गरिमा को गिराया – भाजपा

नई दिल्ली, 1 जुलाई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नेता विपक्ष राहुल गांधी के लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर दिए गए वक्तव्य और आचरण को अपरिपक्व बताया है और कहा कि राहुल गांधी ने संसद की गरिमा को गिराया है।

भाजपा ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद बहुत ही ज़िम्मेदारी का पद होता है। इस पद की अटलजी, आडवाणीजी, सुषमाजी ने ज़िम्मेदारी संभाली है। आज राहुल गांधी ने पहली बार कोई पद संभाला है और बहुत ही गैर ज़िम्मेदाराना आचरण किया है।

सोमवार को केन्द्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव, किरेन रिजिजू और सुधांशु त्रिवेदी ने संयुक्त पत्रकार वार्ता कर राहुल के आचरण और बयानों की निंदा की।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि विपक्ष के नेता का पद बहुत जिम्मेदार पद है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पहली बार कोई जिम्मेदारी ली है लेकिन पहली ही बार में उन्होंने बेहद गैरजिम्मेदाराना बयान दिया है। राहुल गांधी ने आज संसद की गरिमा और लोकसभा में विपक्ष के नेता के पद की छवि को धूमिल किया है।

अश्विनी वैष्णव ने राहुल गांधी पर तथ्यात्मक रुप से झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा राहुल गांधी सदन में बयान देते हैं कि राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना पर झूठ बोला। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस ने पहली बार सेना पर सवाल उठाए हैं, कांग्रेस ने हमेशा सेना पर ऐसे सवाल उठाए हैं और देश को गुमराह करने की कोशिश की है। इसके साथ राहुल गांधी ने संसद में अयोध्या में मुआवजे नहीं दिए जाने की बात की। सरकार ने 1253 करोड़ रुपए का मुआवज़ा दिया है।

राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने भी राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने लाखों हिंदुओं की आस्था और भावनाओं का ठेस पहुंचाई है। खुद को हिंदू कहना, फिर हिंदुओं को हिंसक कहना यह सिर्फ निंदनीय और शर्मनाक नहीं, बल्कि खतरनाक भी है। राहुल गांधी ने हिन्दू समाज का अपमान किया है। संसदीय बहस में ईश्वर की तस्वीर को रखना ये किसी भी तरह से लोकसभा में विपक्ष के नेता को शोभा नहीं देता। आज राहुल गांधी ने सम्पूर्ण हिन्दू समाज की हिंसक और असत्यवादी कहा। उन्हें हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि राहुल गांधी के सदन में रखे तथ्यों पर लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया गया है कि वे नियमों के अनुसार निर्देश पारित करें। अगर विपक्ष के नेता ने सदन में झूठ बोला है तो उन्हें सदन के नियमों और विनियमों का सामना करना होगा। अध्यक्ष ने सदन में इसपर आश्वासन दिया है कि वह इस संबंध में आवश्यक और उचित निर्देश देंगे।

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