नई दिल्ली, 29 जून (हि.स.)। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार को कहा कि भारत की समृद्ध विरासत और लोकतंत्र की जननी के प्रमाण का प्रतिबिंब होगा युग-युगीन भारत संग्रहालय। उन्होंने कहा कि युग-युगीन भारत संग्रहालय, पारंपरिक संग्रहालय के अनुभव से आगे बढ़कर समावेशिता की भावना को मूर्त रूप देगा। यह लोगों का एक ऐसा संग्रहालय होगा, जो सामुदायिक आख्यानों को केंद्रित करेगा, यह लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत की विरासत का एक प्रमाण बनेगा।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री शेखावत शनिवार को संस्कृति मंत्रालय द्वारा सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में बनने वाले आगामी युग-युगीन भारत संग्रहालय के लिए चार दिवसीय अंतर-मंत्रालयी हितधारक परामर्श और क्षमता निर्माण कार्यशाला में बोल रहे थे। यह कार्यशाला 26 से 29 जून तक भारत मंडपम में आयोजित की गई।
विचार-विमर्श के अंतिम दिन केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सचिव गोविंद मोहन के साथ भारत में फ्रांस के राजदूत डॉ. थिएरी माथौ ने भाग लिया। परामर्श में निजी और सरकारी दोनों तरह के संग्रहालय पारिस्थितिकी तंत्र के विशेषज्ञों को आगामी युग-युगीन भारत (कालातीत और शाश्वत भारत) संग्रहालय पर चर्चा करने के लिए शामिल किया गया। क्षमता निर्माण का नेतृत्व अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परामर्शदाता फ्रांस म्यूज़ियम के विशेषज्ञों की एक टीम ने किया था।
उल्लेखनीय है कि भारत का नया राष्ट्रीय संग्रहालय सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में स्थापित होने जा रहा है, जिसका उद्देश्य नई दिल्ली के रायसीना हिल के पास स्थित भारत के केंद्रीय प्रशासनिक क्षेत्र को पुनर्जीवित करना है। यह संग्रहालय 1,54,000 वर्गमीटर में फैला होगा, जो दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय बनेगा। संग्रहालय के लिए वीडियो वॉक थ्रू का अनावरण सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 18 मई 2023 को संस्कृति मंत्रालय के पहले अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो के उद्घाटन पर किया था।