नई दिल्ली, 27 जून (हि.स.)। संसद में सेंगोल को लेकर विवाद छिड़ गया है। समाजवादी पार्टी के सांसद आर के चौधरी ने गुरुवार को संसद भवन में सेंगोल को हटा कर संविधान की प्रति रखने की मांग की। इस पर भारतीय जनता पार्टी ने सपा पर पलटवार करते हुए उस पर भारतीय संस्कृति का अनादर करने का आरोप लगाया।
गुरुवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि समाजवादी पार्टी के सांसद कहते हैं कि सेंगोल राजशाही का प्रतीक है, इसलिए इसे संसद से हटा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो पार्टी भाई-भतीजावाद का प्रतीक है वो एक बार फिर भारतीय संस्कृति के ऐसे अभिन्न अंग तमिल संस्कृति का अपमान करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि अगर यह राजशाही का प्रतीक था तो देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने इसे स्वीकार क्यों किया? क्या वह उस प्रतीक और राजशाही को स्वीकार कर रहे थे?
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने संसद से सेंगोल को हटाने की मांग करते हुए कहा कि सेंगोल के स्थान पर संविधान की प्रति स्थापित करनी चाहिए क्योंकि, संविधान लोकतंत्र का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सेंगोल का अर्थ है राजदंड यानी राजा का डंडा। देश संविधान से चलता है, राजा के डंडे से नहीं।