बरपेटा (असम), 23 जून (हि.स.)। जहां एक ओर सरकार ”बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” के स्लोगन के साथ लड़कियों के लिए एक से बढ़कर एक योजना लागू कर रही है और महिलाओं को बेटी पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। वहीं, एक महिला ने अपनी डेढ़ माह की दूधमुंही बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी और उसके शव को तालाब में फेंक दिया।
पुलिस ने आज बताया कि यह घटना बरपेटा रोड के पास धूपगुरी भुइयांपारा गांव में घटी। गांव के अब्दुल अजीज की पत्नी नारजीना खातून ने करीब डेढ़ महीने पहले एक बच्ची को जन्म दिया था। बच्ची का नाम अल्मीना रखा गया था।
शुक्रवार की रात, जब बच्ची का पिता अब्दुल अजीज घर पर नहीं था, उसकी मां, नारज़ीना ने बच्ची की गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद बच्ची को शौचालय में छिपा दिया और नाटक किया कि उसकी बच्ची को कोई ले गया। इसके बाद पड़ोस के लोग अब्दुल के घर पर जमा हो गए और बच्ची को ढूंढा तो वह नहीं मिलू।
शनिवार तड़के करीब तीन बजे महिला ने शव को शौचालय से उठाकर घर के पीछे के तालाब में फेंक दिया।
इसके बाद महिला ने खुद तालाब पर जाकर परिजनों को बताया कि उसने बच्ची को तालाब में देखा है।
इसके बाद परिवार में असमंजस का माहौल बन गया और जब स्थानीय लोगों ने भी तालाब में बच्ची का शव देखा और शिमलागुड़ी थाने को सूचना दी तो पुलिस टीम पहुंची और शव को बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए मुसलपुर भेजा और मामले की जांच शुरू की।
आज बच्ची की मां ने शिमलागुड़ी पुलिस और अपने परिवार के सामने कबूल किया कि उसने स्वयं ही बच्ची की हत्या की है। पुलिस ने हत्यारिन मां को हिरासत में लेकर शिमलागुड़ी थाने में पूछताछ शुरू की।
परिवार ने इस हृदयहीन और हत्यारिन नारजीना खातून के लिए सख्त सजा की मांग की है।